Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसे में 3 स्टूडेंट्स की मौत की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है. कोर्ट ने कहा इस मामले की जांच सीवीसी की निगरानी में सीबीआई करेगी. कोर्ट ने एमसीडी से कहा कि सभी नालों को चालू करो, और जरूर पड़ने पर इसकी संख्या को बढ़ाये.
हाईकोर्ट ने MCD से कहा कि एमसीडी को इलाके के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि जब जल निकासी अवरुद्ध हो जाएगी तो पानी लोगों के घरों में चला जाएगा. यदि उनमें से एक बच्चा हमारा होता तो क्या होता? तभी कार्रवाई होगी? एक्टिंग CJ मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया है.
दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़, आबादी बढ़ती ही जा रही
दिल्ली में फ्रीबीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आज दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़ है और गिनती बढ़ती जा रही है, क्यों? क्योंकि दिल्ली में सब्सिडी है. कोर्ट ने कहा- ये बड़े नीतिगत फैसले हैं, हम जानते हैं कि दिल्ली कहां जा रही है, इन मुद्दों पर बात करने की जरूरत है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने जांच के किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं किया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि एक MCD अधिकारी का नाम बताइए जिसे आपने बुलाया है. कोर्ट ने कहा कि हमे यह कहते हुए खेद है कि आपने अपना बहुमूल्य समय गंवा दिया.
हर मानसून में हमें ये त्रासदी झेलनी पड़ेगी- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने तंज कसते हुए कहा कि हर मानसून में हमें ये त्रासदी झेलनी पड़ेंगी, कृपया इसकी आदत डालें. कोर्ट ने कहा आज यह राजेंद्र नगर है, कल यह आपका घर हो सकता है, अगले दिन मेरा घर हो सकता है. आप प्रकृति के प्रकोप को रोक नहीं सकते. मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के डीसीपी और एमसीडी कमिश्नर कोर्ट में मौजूद थे. एमसीडी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि राऊ इंस्टीट्यूट को छोड़कर अन्य पर कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम यहां समाधान ढूंढ रहे हैं, समाधान तभी निकल सकता है. जब हम एक-दूसरे के प्रति स्पष्टवादी हों.
पुलिस का सम्मान तब, जब अपराधी को पकड़ते हैं
दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया कि जहां घटना घटी वहां जल निकासी की व्यवस्था लगभग न के बराबर थी. सड़कें नालियों की तरह काम कर रही थीं। वही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा सड़क से गुजर रहे SUV डाइवर को क्यों गिरफ्तार किया? हाई कोर्ट ने कहा कि यह उचित नहीं है, इस स्थिति में किसी व्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन. कोर्ट ने कहा कि पुलिस का सम्मान तब होता है जब आप अपराधी को पकड़ते हैं और निर्दोष को छोड़ देते हैं. कोर्ट ने कहा कि यदि आप निर्दोष को गिरफ्तार करेंगे और दोषी को छोड़ देंगे तो यह बहुत दुखद होगा. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से इसके लिए माफी मांगी और कहा- अगर ऐसी धारणा बन रही है तो हम माफी मांगते हैं. यह धारणा मीडिया रिपोर्ट के कारण बनी है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आप इस घटना की वैज्ञानिक तरीके से जांच करें, किसी तनाव में न आएं. कोर्ट ने कहा कि आपको स्थिति से निपटना होगा,जांच वैज्ञानिक तरीके से करें.
लोग कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे?
हाईकोर्ट ने कहा कि हम आदेश देते रहते हैं, लेकिन इन आदेशों को लागू नहीं किया जाता है. लोग कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं. आपके विभाग में कानून का कोई सम्मान नहीं कर रहा है. ये तो अब बहुत आगे बढ़ गया, आपके विभाग के लोगों को बचाया जा रहा है, ऐसा नहीं हो सकता. आप यह नहीं सोच सकते कि ये लोग कानून से ऊपर हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इलाके के बिल्डिंग को लेकर हमें बताया गया कि एक तश्तरी जैसी चीज बन रही है. ऐसी बिल्डिंग को मंजूरी क्यों दी गई? कोर्ट ने कहा कि हम इंजीनियर नहीं हैं, लेकिन ये सब जानते हैं.
जांच अधिकारी कहां हैं, कोर्ट ने पुलिस से पूछा
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि जांच अधिकारी कहां है? क्या दिल्ली पुलिस ने बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने वाले व्यक्ति से पूछताछ की है? कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा क्या आप शक्तिहीन हैं? आप पुलिस हैं. आप एक सामान्य नागरिक हैं, आप जाकर फाइल जब्त कर सकते हैं. आप नहीं जानते कि किसी फ़ाइल को कैसे जब्त किया जाए? हाई कोर्ट ने पूछा क्या आपको लगता है कि कोई अपराधी आपके पास आएगा और यह सब सौंप देगा? आपके अधिकारी नौ सिखिए हैं?
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि हम इन सभी पहलुओं की फॉरेंसिक जांच करा रहे हैं. जिसपर हाई कोर्ट ने कहा कि क्या आपने अपनी केस डायरी में दर्ज किया है कि यह जल निकासी काम नहीं कर रही थी? दिल्ली पुलिस ने कहा- नहीं
कोर्ट ने पूछा- आपकी सोच क्या है?, छात्र क्यों डूबे?
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा- हमारी पहली प्राथमिकता एनडीआरएफ को शामिल करना था। इलाके में ऊपर तक पानी भर गया। जिस पर कोर्ट ने पूछा- छात्रों की मौत का कारण क्या था? दिल्ली पुलिस ने कहा कि डूबने से छात्रों की मौत हुई है। कोर्ट ने पूछा- आपकी सोच क्या है?, छात्र क्यों डूबे? छात्र तहखाने से बाहर क्यों नहीं आ सके?
कोर्ट ने कहा कि बेसमेंट में पानी भरने में कुछ मिनट लगे होंगे. कोर्ट ने कहा कि यदि 1 जुलाई को बेसमेंट में सब कुछ ठीक था, तो परिदृश्य कैसे बदल गया? DCP ने कहा कि दिल्ली फायर सर्विस का जवाब टालमटोल वाला है. वे यह कहने तक ही सीमित रह रहे हैं कि वहां अग्निशमन यंत्र थे. डीसीपी ने कहा कि हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि बेसमेंट में कोई भी छात्र नहीं होना चाहिए। पुलिस को जांच करनी होगी कि परिदृश्य कैसे बदला. ऐसा लगता है कि सब कुछ कल शाम को हो रहा है.
DCP ने कहा कि हम लोगों से पूछताछ करेंगे और उन्हें जांच के लिए बुलाएंगे. 29 जुलाई को हमने MCD को नोटिस देकर दस्तावेज मांगे और पूछा कि आखिरी बार कब नाले की सफाई हुई थी. कोर्ट ने कहा कि हम अभी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि बच्चे कैसे डूब सकते हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आपके पास MCD अधिकारियों को फोन करने की भी हिम्मत नहीं है. आपने पानी का चालान नहीं किया.
कोर्ट ने कहा कि आपने एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया. कोर्ट ने MCD से पूछा- क्या यह सच है कि वहां अनधिकृत बाजार है. जिस पर MCD कमिश्नर ने कहा- हां. यह अस्तित्व में है, मैं बाजार को स्थानांतरित करने की वकालत नहीं कर रहा हूं. लेकिन जल निकासी के मुद्दे पर ध्यान दिया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पानी नहीं बह पा रहा है तो आपको कार्रवाई करनी होगी. अगर ड्रेनेज को दोबारा बनाने की जरूरत है तो इसे दोबारा बनवाएं.
– भारत एक्सप्रेस
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