देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना अनुमति के अभिनेता जैकी श्रॉफ के नाम और आवाज का इस्तेमाल करने से कंपनियों को रोका

दिल्ली हाईकोर्ट ने कई कारोबारी इकाइयों को बिना अनुमति के व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अभिनेता जैकी श्रॉफ के नाम (जिसमें उनका उपनाम ‘जैकी’ और ‘जग्गू दादा’ शामिल है) और आवाज तथा उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करने से रोक दिया है. न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने एक अंतरिम आदेश में कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर वॉलपेपर, टी-शर्ट और पोस्टर आदि बेचने वाली और कृत्रिम मेधा (एआई) चैटबॉट प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाली कारोबारी इकाइयां उनकी विशेषताओं का दोहन और दुरुपयोग करके अभिनेता के व्यक्तित्व और प्रचार के अधिकार का उल्लंघन कर रही हैं.

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को आवश्यक निर्देश दिया

न्यायमूर्ति ने दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को उल्लंघन करने वाले ‘यूआरएल‘ को प्रतिबंधित करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को आवश्यक निर्देश जारी करने का निर्देश दिया. कोर्ट 15 अक्टूबर को इस मामले में अगला सुनवाई करेगा. जैकी श्रॉफ ने व्यावसायिक लाभ के लिए कई कारोबारी इकाइयों की ओर से बिना लाइसेंस के उनके नाम और व्यक्तित्व संबंधी विशेषताओं का उपयोग करने के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

दो लोगों को जारी हुए नोटिस

न्यायमूर्ति ने सामग्री सृजित करने वाले (कंटेंट क्रिएटर्स) उन दो लोगों के खिलाफ भी निर्देश पारित किया, जिन्होंने श्रॉफ के वीडियो को बेहद अभद्र शब्दों एवं गालियों के साथ प्रदर्शित किया था. उन्होंने कहा कि श्रॉफ एक ‘सेलिब्रिटी’ (मशहूर शख्सियत) हैं और यह दर्जा स्वाभाविक रूप से उन्हें उनके व्यक्तित्व और संबंधित विशेषताओं पर कुछ अधिकार प्रदान करता है. वादी श्रॉफ ने एक पक्षीय व्यादेश (इनजंक्शन) देने के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाया है. सुविधा का संतुलन उनके पक्ष में है जो कई प्रतिवादियों के खिलाफ है. मौजूदा मामले में यदि व्यादेश नहीं दिया गया, तो इससे वादी को न केवल आर्थिक रूप से अपूरणीय क्षति/नुकसान होगा, बल्कि सम्मान के साथ जीने के उनके अधिकार को भी क्षति पहुंचेगी.

अधिकारों का हो रहा उल्लंघन

कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि प्रथम दृष्टया कुछ प्रतिवादियों की कथित गतिविधियों के परिणामस्वरूप वादी के व्यक्तित्व के अनाधिकृत दोहन के माध्यम से व्यावसायिक लाभ हुआ है. ऐसे प्रतिवादियों ने वादी के नाम, तस्वीर, आवाज़ और अन्य विशिष्ट विशेषताओं का बिना अनुमति के उपयोग किया है, जिससे उनके व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. कोर्ट ने उनके अधिकारों के कथित उल्लंघन को लेकर कुछ अन्य कारोबारी इकाइयों को नोटिस जारी किया, जिसमें कथित रूप से अपमानजनक वीडियो की मेजबानी करने वाला एक यूट्यूब सामग्री बनाने वाला और अपने प्रतिष्ठान के लिए पंजीकृत ट्रेडमार्क ‘भिडू’ का उपयोग करने वाला एक रेस्तरां मालिक शामिल है.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर दी बधाई

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर…

5 hours ago

कुवैत यात्रा के समापन पर PM Modi को कुवैत के प्रधानमंत्री ने दी विशेष विदाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त की, जिसे कुवैत…

6 hours ago

भारत के बिना दुनिया वास्तव में आगे नहीं बढ़ सकती: पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर

वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी 'सॉफ्ट पावर' से एक अधिक आक्रामक विदेश…

6 hours ago

Mahakumbh 2025: CM योगी के निर्देश पर महाकुंभ में स्वच्छता के विशेष इंतजाम, स्पेशल ऑफिसर करेंगे संतों और श्रद्धालुओं की हिफाजत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को हर बार के कुंभ…

7 hours ago

UP में फिर चली IPS तबादला एक्सप्रेस, कई जिलों के कप्तान इधर से उधर..!

ट्रांसफर आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित किया…

7 hours ago

World’s Most Expensive Cities: दुनिया में रहने के लिए इस साल कौन-से शहर सबसे महंगे? Forbes से जानिए

लीडिंग कंसल्टिंग फर्म मेरसर (Mercer) द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी किए गए कॉस्‍ट ऑफ…

7 hours ago