दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों की सांसों पर पहरा लगा दिया है. ऐसा पहली बार नहीं है जब भी अक्टूबर-नवंबर आता है तो दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण परेशान करने लगता है. एक बार फिर वैसी ही स्थिति देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है. लेकिन इसके बावजूद भी दिल्ली में स्कूलों को बंद नहीं किया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली के अरविंद केजरीवाल की सरकार नींद से जागी है और स्कूल बंद करने का ऐलान कर दिया.
दरअसल शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के बीच स्कूल खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की. SC ने दिल्ली सरकार से पूछा, जब सरकार ने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया तो बच्चों को स्कूल जाने पर क्यों मजबूर किया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए आगे कहा, “आपने हमें कहा था कि स्कूल बंद हैं, लेकिन छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं. बड़े वर्क फ्रॉम होम करें और बच्चे स्कूल जाएं? आप कोर्ट में कुछ कहते हैं और सच कुछ और होता है. ऐसे में तो हमें दिल्ली सरकार पर निगरानी के लिए किसी को नियुक्त करना पड़ेगा.”
जिसके बाद केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने ऐलान किया कि कल से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे. साथ ही कक्षा 5 से ऊपर की सभी कक्षाओं के लिए बाहरी गतिविधियों को भी बंद कर रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण के बीच मिनी लॉकडाउन लग गया है. दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार के ऑफिसों में 50% वर्क फ्रॉम होम कर दिया गया है..
प्रदूषण के बढ़ते बवाल के बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रदूषण को केवल दिल्ली की नहीं, बल्कि उत्तर भारत के कई शहरों की समस्या बताकर इसे व्यापक रूप देते हुए, अपनी जिम्मेदारी से भी पल्ला झाड़ लिया. केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण के लिए केवल आम आदमी पार्टी जिम्मेदार नहीं है. इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार आगे आना होगा.
हैरानी की बात ये है कि जब तक पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी, तब तक केजरीवाल पंजाब के किसानों को दिल्ली के प्रदूषण के लिए दोषी ठहराते थे, लेकिन अब पंजाब में भी उनकी सरकार है तो वो कुछ और कहने लगे हैं.
बीजेपी अपने विपक्ष को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है. अरविंद केजरीवाल की ओर से वायु प्रदूषण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद बीजेपी ने भी उसी अंदाज में पलटवार किया. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदूषण केवल हवा और पानी में नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल की नीयत में भी है. संबित पात्रा ने कहा कि पंजाब में इस बार पराली जलने के मामलों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, दावे तो यही किए जा रहे हैं कि प्रदूषण को रोकने के लिए सारे जरूरी कदम उठाए जा रहे है, पर अगर कदम उठाए जा रहे हैं तो फिर उनका असर दिख क्यों नहीं रहा है?
ऐसे ही कुछ और भी सवाल हैं. मसलन, क्यों पिछले साल की तरह इस साल भी कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी रोकनी पड़ीं? क्यों स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गई ? और क्यों ऑड-ईवन स्कीम को लागू करने की बात होने लगी?
कुल मिलाकर हमें ये स्वीकार करना चाहिए कि सरकारें नीतियां तो लेकर आतीं हैं, लेकिन उन्हें ठीक तरह से लागू नहीं कर पा रही हैं.
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