महात्मा गांधी (नई) सीरीज के 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 2018-19 और 2023-24 के बीच लगभग चार गुना बढ़ गई है. 2020-21 से 2,000 रुपये के नकली नोटों की पहचान तीन गुना बढ़ गई है. वित्त मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है.
वित्त मंत्रालय ने सोमवार (25 नवंबर) को लोकसभा में नकली नोटों के बढ़ते प्रचलन के बारे में चिंता व्यक्त की. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा प्रस्तुत उत्तर में हाल के वर्षों में नकली नोटों, विशेष रूप से 500 और 2,000 रुपये के नोटों के चलन के बारे में प्रकाश डाला गया.
500 रुपये का नोट दिन-प्रतिदिन के लेन-देन की रीढ़ बन गया है, पिछले कुछ वर्षों में इसके प्रचलन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि 2018-19 में 21,865 मिलियन पीस (एमपीसी) नकली नोट पकड़े गए. 2022-23 में यह 91,110 एमपीसी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, इससे पहले 2023-24 में यह थोड़ा कम होकर 85,711 एमपीसी पर आ गया. यह 2018-19 में पकड़े गए 21,865 एमपीसी से काफी अधिक है.
आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 के बाद से 2,000 रुपये के नकली नोटों का मिलना तीन गुना बढ़ गया है. 2,000 रुपये के नकली नोटों की संख्या 2018-19 में 21,847 से घटकर 2020-21 में 8,798 रह गई. अगले वर्ष (वित्तीय वर्ष 2021-22) 13,604 एमपीसी पकड़े गए, जो 2022-23 में फिर से घटकर 9,806 एमपीसी रह गए.
2023-24 के नवीनतम आंकड़ों में 26,035 तक की उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई देती है, जो 2020-21 में पकड़े गए नोटों से लगभग तीन गुना अधिक है और पिछले वर्षों की तुलना में पर्याप्त वृद्धि है.
2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद नकदी की आपूर्ति को तेजी से बढ़ाने के लिए 2,000 रुपये के नोट को उच्च मूल्य वाले नोट के रूप में लॉन्च किया गया था. इसका प्रारंभिक उद्देश्य नकदी संकट के दौरान तरलता को कम करना था.
इसके शुरू होने के तुरंत बाद के वर्षों में 2,000 रुपये के नोट का व्यापक प्रचलन हुआ. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2018 तक 2,000 रुपये के नोटों का प्रचलन में कुल मुद्रा मूल्य का 37.3 प्रतिशत हिस्सा था.
2018-19 में RBI ने कम मांग और अवैध गतिविधियों के लिए इसके दुरुपयोग की चिंताओं का हवाला देते हुए 2,000 रुपये के नोटों की छपाई कम कर दी थी. मार्च 2021 तक 2,000 रुपये के नोट कुल मुद्रा मूल्य का केवल 17 प्रतिशत थे, जो धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से समाप्त होने का संकेत देता है.
इसके बाद RBI ने मई 2023 में सक्रिय प्रचलन से 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की, हालांकि वे वैध मुद्रा बने रहेंगे. नागरिकों को इन नोटों को बैंकों में बदलने या जमा करने के लिए समय दिया गया था, जिनमें से अधिकांश को सिस्टम से हटा दिया गया था. यह चरणबद्ध वापसी RBI की प्राथमिक उच्च मूल्य वाले मूल्यवर्ग के रूप में 500 रुपये के नोटों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति के अनुरूप है.
-भारत एक्सप्रेस
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