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“वो जमीनी हकीकत नहीं बदल सकते…” विदेश मंत्री ने नेपाल की ‘नक्शेबाजी’ पर दिया मुंहतोड़ जवाब, जानें क्या है पूरा मामला?

जहां एक ओर चीन लगातार भारत के इलाकों को अपना बताकर हर रोज नया विवाद खड़ा कर रहा है तो वहीं अब नेपाल भी उसके नक्शेकदम पर चल पड़ा है. दरअसल नेपाल की पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार देश में 100 रुपए के नोट पर छापे जाने की घोषणा की है. हालांकि नोट छापना या न छापना हर एक देश का अपना निर्णय होता है लेकिन नेपाल की सरकार ने नोट पर लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी जैसे इलाकों की तस्वीर भी छापने की बात कही है, जो कि भारत के इलाके हैं. कुल मिलाकर नेपाल इनको भी अपना बताना चाहता है. हालांकि इस पूरे मामले में विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.

नेपाल की इस हरकत पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि “मैंने वह रिपोर्ट देखी है. मैंने इसे विस्तार से नहीं देखा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है. नेपाल के साथ, हम चर्चा कर रहे थे.” उन्होंने आगे कहा कि एक स्थापित मंच के माध्यम से हमारी सीमा के मामलों के बारे में और फिर उसके बीच में, उन्होंने अपनी तरफ से कुछ कदम उठाए, लेकिन वे हमारे बीच या जमीनी हकीकत को बदलने वाले नहीं हैं.” गौरतलब है कि इस तरह की हरकत करने वाला नेपाल पहला देश नहीं है. इससे पहले चीन और पाकिस्तान कई बार भारत के इलाकों को अपना बता चुके हैं. तो वहीं भारत की ओर से हर बार मुंह तोड़ जवाब ही दिया गया है.

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प्रचंड भूल गए भारत से किया वादा

इस पूरे मामले में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात तो ये है कि जून 2023 में जब नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड भारत आए थे तो उन्होंने वादा किया था कि वो अपने शासन में सीमा विवाद को हल कर देंगे लेकिन फिर नोट पर भारतीय इलाकों के नक्शे को छापने की बात कहां से आ गई? इस तरह से जहां एक ओर वह अपने ही किए वादे को भूल गए हैं तो दूसरी ओर इस पूरे मामले में चीन का ही हाथ होने की शंका जाहिर हो रही है. बता दें कि नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा की ओर से बयान सामने आया है कि देश में वर्तमान में चल रहे 100 के नोट की पृष्ठभूमि पर छपे नेपाल के पुराने नक्शे के स्थान पर नया नक्शा रखकर 100 रुपए के नए नोटों के डिजाइन बदले जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होने ये भी कहा है कि इस से पहले पुराने नक्शा वाला नोट चल रहा था. अब नया नक्शा आने के बाद पुराने नक्शे को हटाकर नया नक्शा रखकर डिजाइन बदलने का निर्णय किया गया है.

जानें कहां है विवाद

इसी के साथ ही नेपाल ने अपनी नई नोट पर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के चित्र छापने की घोषणा की है. नेपाल ने कहा है कि महाकाली नदी की मुख्यधारा लिम्पियाधुरा से शुरू होती है. इसलिए इसे ही उद्गम स्थल माना जाएगा और इस आधार पर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी नेपाल के हिस्से हुए. तो दूसरी ओर भारत की ओर से कहा गया है कि महाकाली नदी की सभी धाराएं कालापानी गांव में आकर मिलती हैं, ऐसे में इसे ही नदी का उद्गम स्थल माना जाएगा. इसलिए लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी भारत के इलाके है. भारत के मुताबिक सुगौली संधि में भी मुख्य धारा को नदी माना गया था.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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