UP News: पूर्व IAS अधिकारी संजय भूसरेड्डी को रिटायर होने के एक महीने 11 दिन बाद बड़ी और अहम जिम्मेदारी दी गई है. उनको उत्तर प्रदेश भू संपदा नियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं सदस्य पद पर पूर्व आईएएस रहीं डिंपल वर्मा को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस सम्बंध में शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव आवास पर नितिन रमेश गोकर्ण ने आदेश जारी किया है. बता दें कि डिंपल वर्मा विशेष पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की पत्नी हैं.
मालूम हो कि बीते 30 जून को ही पूर्व आईएएस संजय भूसरेड्डी अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास व आबकारी विभाग के पद से रिटायर हुए थे. वहीं डिंपल वर्मा अपर मुख्य सचिव युवा कल्याण के पद से पिछले ही साल सितंबर महीने में सेवानिवृत्त हुई थीं. गौरतलब है कि प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार यूपी रेरा के अध्यक्ष पद पर तैनात थे. 30 जून को उनका कार्यकाल खत्म हुआ था. दूसरी ओर पिछले 6 महीने से रेरा में एक सदस्य का पद भी खाली चल रहा था. इस पर इन दोनों पदों पर नियुक्ति को लेकर शासन स्तर पर निर्णय लिया गया और फिर आवास विभाग ने नियुक्ति को लेकर विज्ञापन प्रकाशित करवाया.
5 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में इन दोनों पदों के चयन के लिए चयन समिति की बैठक हुई थी. इस बैठक के दौरान ही समिति ने सभी आवेदकों का साक्षात्कार लिया और इसके बाद लिफाफा बंद करके सरकार को सौंप दिया था. मालूम हो कि, उप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (RERA) का मुख्यालय लखनऊ के साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय ग्रेटर नोएडा में है.
ये भी पढ़ें- “जब हमारी आस्थाओं पर हमले हो रहे थे, हमारी पहचान मिटाने की… तब”, संत रविदास मंदिर के शिलान्यास के बाद बोले PM मोदी
मालूम हो कि संजय भूसरेड्डी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनकी पहचान उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में प्रभावशाली अधिकारी के रूप में रही है. उनको प्रदेश सरकार में हमेशा ही तमाम महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रखा और उन्होंने हमेशा जनता के हित में कार्य किया. शुरू-शुरू में जब उनकी नौकरी की शुरुआत हुई थी, तब वह अल्मोड़ा से लेकर उन्नाव और बलरामपुर जिलों में बतौर जिलाधिकारी तैनात रहे. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद विशेषरूप से उनके कद में बढ़ोत्तरी हुई और फिर 2017 में गन्ना विकास एवं चीनी विकास के अपर मुख्य सचिव रहे वह इस पद पर सेवानिवृत्त होने तक बने रहे. इसके साथ उन्होंने आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी बखूबी निभाई और कई बड़े बदलाव व सुधार भी किए.
अगर डिंपल वर्मा की बात करें तो वह बतौर जिलाधिकारी मिर्जापुर, बाराबंकी से लेकर कानपुर देहात, बुलंदशहर, गोरखपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में तैनात रहीं और फिर आगे बढ़ते हुए शासन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी तैनात रहीं और अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. तो वहीं संजय भूसरेड्डी के लिए ये भी कहा जाता है कि उनकी कार्यशैली इतनी अच्छी रही है कि 2017 में यूपी में योगी सरकार बनने के बाद केंद्र से पत्र लिखकर उनको मांगा गया था. तो वहीं इसके बाद उस समय केंद्र सरकार से कार्यमुक्त होकर संजय भुसरेड्डी ने यूपी में ज्वाइन किया था और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए भी गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर अमेरिका के एक बेहद प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं. वे…
1857 की क्रांति के समय रोटी से जुड़ा आंदोलन भी हुआ था, जिसने अंग्रेजों को…
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग ने कहा है कि उनके देश में विभिन्न प्रकार…
एनजीटी ने बांधवगढ़ में 10 हाथियों की रहस्यमयी मौत पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें कोदो…
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अभी भी क्रिकेट ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है. हालांकि,…
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी एक दिन में कराने की…