G20 Meeting In Kashmir: कश्मीर में जी20 की बैठक समाप्त हो चुकी है. अब कश्मीर को उस दृष्टिकोण से देखने का समय आ गया है जिसे अक्सर देश और विदेश में अनदेखा किया जाता है. कश्मीर में शायद ये पहली बार ही है कि कोई इवेंट शांतिपूर्वक और बिना किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संपन्न हुई हो. अतीत के विपरित इस बार घाटी में माहौल खराब नहीं हुआ. हालांकि, सरकार को कुछ पूर्व नियोजित कार्यक्रम स्थल को रद्द करना पड़ा. कार्यक्रम को तय स्थान से कहीं और शिफ्ट करना पड़ा. लेकिन इसके बाद भी इसे सुखद अंत ही समझना चाहिए क्योंकि करीब 17 देशों से आए प्रतिनिधियों ने कश्मीरी संस्कृति की झलक देखी.
बता दें कि यह केवल एक दिन की उपलब्धि नहीं है. साल 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद केंद्र ने मनोज सिंन्हा को राज्य में स्थिरता बहाल करने का जिम्मा दिया. वह इसे अभी तक निभाने में कामयाब रहे हैं. वहीं भारत ने पाकिस्तान के पंख भी इस हद तक काट दिए हैं कि पड़ोसी मुल्क अपनी प्रतिष्ठा के साथ-साथ अपनी साहस भी खोने लगी है. सरकार ने कुशलतापूर्वक जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थिरता बहाल की है.
बता दें कि जम्मू और कश्मीर ने अपने पहले G20 कार्यक्रम की मेजबानी बिना इंटरनेट ब्लॉकिंग, आंदोलन प्रतिबंध, क्रैकडाउन और अतीत की उन सभी परिचित चीजों से की, जिसका अंदेशा हमेशा घाटी के लोगों को रहती है. वहीं इसके ठीक विपरित पड़ोसी मुल्क में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी. लोग सड़कों पर उतर आए थे. जगह-जगह आगजनी की घटना घट रही थी. वहीं श्रीनगर में आयोजित जी20 की बैठक से पूरी दुनिया को सकारात्मक संदेश गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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