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गुजरात: B-Safal ग्रुप की Glade One परियोजना विवादों में, पर्यावरण मंजूरी मिलने से पहले ही बिल्डर ने पूरा कर लिया प्रोजेक्ट

गुजराज में अहमदाबाद से नजदीक स्थित साणंद शहर में B-Safal ग्रुप की Glade One परियोजना विवादों में घिर गई है. आरोप है कि नौकरशाही की मिलीभगत से बिल्डर ने पर्यावरण मंजूरी के लिए फर्जी तथ्यों का ही सहारा नहीं लिया, बल्कि बिना मंजूरी के एक पांच सितारा होटल का भी निर्माण कर दिया.

आरोप है कि बिल्डर ने वर्ष 2012-13 में आवश्यक पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किए बिना परियोजना शुरू कर दी थी. उसने प्राधिकरण के समक्ष झूठे तथ्य और आंकड़े प्रस्तुत किए थे कि उसने अभी तक परियोजना का काम शुरू नहीं किया है, हालांकि जब तब बिल्डर को पर्यावरण मंजूरी मिली तब तक यह परियोजना पूरी हो चुकी थी.

मामले में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं. इस मामले में हुई शिकायत पर गौर करें तो मामले में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार हुआ है.

बिना मंजूरी होटल बना दिया

‘ग्लेड वन’ परियोजना में एक पांच सितारा होटल शामिल है, जिसका संचालन फर्न (Fern) समूह द्वारा किया जाता है. हालांकि, पर्यावरण मंजूरी में इसके बारे में कोई अनुमति नहीं दी गई है. इसके बावजूद यह होटल शुरू कर दिया गया है.

सर्वे क्रमांक 1314/1 (जिला अहमदाबाद, ता. साणंद और मोजे: मोडासर) वाली सरकारी बंजर भूमि को संबंधित अधिकारियों की मंजूरी के बिना परियोजना में शामिल कर लिया गया है और बंजर भूमि आज भी परियोजना का हिस्सा है और परियोजना के अंतर्गत आती है.

सर्वे क्रमांक 581 (जिला अहमदाबाद, ता. साणंद और मौजे: नानी देवती) वाली एक गौचर भूमि (चारागाह भूमि) को प्रारंभिक चरण से ही परियोजना में शामिल किया गया था, जबकि इसके लिए आवंटन वर्ष 2021 में दिया गया था.

मंजूरी से अधिक जमीन पर बनी परियोजना

इतना ही नहीं आरोप है कि परियोजना के लिए 243 एकड़ जमीन के लिए पर्यावरण मंजूरी दी गई है, जबकि परियोजना का निर्माण 380 एकड़ क्षेत्र में किया गया है (जैसा कि डेवलपर की वेबसाइट www.bsafal.com पर दिया गया है) जो कानून का स्पष्ट उल्लंघन है. साथ ही ब्रोशर में गोल्फ कोर्स 80 एकड़ का बताया गया है, जबकि पर्यावरण मंजूरी केवल 39 एकड़ के लिए दी गई है.

बिल्डर ने पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किए बिना ही परियोजना का विशाल विस्तार कार्य शुरू कर दिया. आरोप यह भी है कि बिल्डर ने भ्रष्ट नौकरशाही से सांठगांठ करके यहां रेस्टोरेंट और क्लब हाउस का निर्माण पर्यावरण मंजूरी में स्वीकृत क्षेत्र से कहीं अधिक बड़े भूभाग पर किया है. हैरानी की बात है कि तमाम शिकायतों के बावजूद प्रशासन कार्रवाई तो दूर की बात है, जांच तक कराने की पहल नहीं कर रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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