Opposition leaders Phone Hacked: एक बार फिर से बीजेपी सरकार पर विपक्षी नेताओं की जासूसी का आरोप लग रहा है. दरअसल, कैश फॉर क्वेरी विवाद में बुरी तरह फंसी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ-साथ अखिलेश यादव और शशि थरूर ने बीजेपी सरकार पर फोन टैपिंग और जासूसी का आरोप लगाया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि उन्हें एप्पल कंपनी की ओर से एक अलर्ट मैसेज आया है, जिसमें कहा गया है कि उनके डिवाइस को सरकार की ओर से हैक करने का प्रयास किया जा रहा है. अब इस मामले में एप्पल कंपनी के साथ-साथ बीजेपी का भी बयान सामने आया है.
जासूसी विवाद के बीच ऐपल का भी बयान आ गया है. कंपनी ने कहा है कि वो हैकिंग के खतरे को लेकर चेतावनी की प्रक्रिया के बारे में नहीं बता सकता है. इससे स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स सचेत हो जाएंगे. फिर उनकी हरकतों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, एप्पल ने कहा है कि ऐसा गलत अलार्म के कारण भी हो सकता है. हम इस बारे में जानकारी प्रदान करने में असमर्थ हैं कि खतरे की सूचनाएं जारी करने का क्या कारण है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “पूरे विपक्ष के खिलाफ एप्पल का नोटिस आता है… यह मेरे कार्यालय में सभी लोगों को मिला है. कांग्रेस पार्टी में लिस्ट बनी हुई है. यह सारे किसी न किसी तरीके से इस मामले में शामिल हैं. आपका ध्यान कभी इधर, कभी उधर ले जाते हैं, आपके दिल में गुस्सा पैदा करते हैं और जब आपके अंदर नफरत आता है तब ये लोग इस देश का धन ले जाते हैं.”
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बीजेपी का भी बयान सामने आ गया है. केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “कुछ सांसदों ने जो मुद्दा उठाया है कि उनके पास एप्पल से एक अलर्ट आया है. उसके बारे में मैं साफ करना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है, हम इस मुद्दे की तह तक जाएंगे. जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस देश में हमारे कुछ आलोचक हैं जिनकी आलोचना करने की आदत हो गई है. ये लोग देश की उन्नति को पचा नहीं सकते. एप्पल ने 150 देशों में ये सूचना जारी की है. एप्पल के पास कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने अनुमान के आधार पर ये सूचना भेजी है.”
वहीं बीजेपी ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि इस मामले पर Apple कंपनी को स्पष्टीकरण देना चाहिए. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी नेताओं से कहा कि आप इस मामले पर एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा,”इन नेताओं को मोबाइल कंपनी से बातचीत करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि आखिर क्या माजरा है. लेकिन, मैं अपने अनुभव से साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी टेलीकॉम कंपनी ऐसा नहीं करती है.
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