Faridabad News: हरियाणा के फरीदाबाद जिले में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार ने बजरंग दल पर अपनी बकरियां और गायें चुराने का आरोप लगाया है. जिले के खोरी जमालपुर गांव के जमात अली ने पुलिस के समक्ष एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उसने कहा कि बजरंग दल उनकी 60 से अधिक गायें और 17 बकरियों को ले गया है. उसने सवाल उठाया कि क्या मुसलमान गाय नहीं पाल सकते? हम अपने मवेशियों की खूब देखभाल किया करते थे.
इस घटना पर सोहना पुलिस स्टेशन के एसएचओ संतोष कुमार का बयान आया है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि जिस शख्स ने एफआईआर लिखवाई है, उसको एक गाय ट्रैक्टर से बंधी हुई मिली. अधिकारी ने कहा, ‘उससे पहले कुछ लोगों ने पुलिस को फोन किया था और उन्होंने गोहत्या की शिकायत दर्ज कराई थी. इस संबंध में मामला दर्ज हो चुका है और जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.’
पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन के मुताबिक, फरीदाबाद में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार की ओर से अपनी 60 से अधिक गायें और 17 बकरियां छीन ले जाने का आरोप बजरंग दल पर लगाया गया है. रामचंद्रन ने कहा, ‘एसीपी सोहना इस मामले को देख रहे हैं. हालांकि शिकायतकर्ता ने अभी तक मवेशियों के स्वामित्व का कोई सबूत नहीं दिया है.’ वहीं, सोहना पुलिस स्टेशन के एसएचओ संतोष कुमार ने कहा कि उन्हें बजरंग दल के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मौके पर केवल शिकायतकर्ता और कुछ ग्रामीण थे.
जमात अली के परिचितों का कहना है कि जमात अली के पास काफी गायें थीं और उसके परिवार के दो लड़के उन्हें चराते थे. अली के 23 साल के भतीजे जुबैर ने कहा, ‘हम 30 जून को परिवार की एक शादी की तैयारी कर रहे थे. उस रात, दो लड़के आए और कहा कि तलवार लहराते हुए बजरंग दल के लोग हमारे खेत में आए हैं. हम डर की वजह से बाहर नहीं गए. उसके बाद अगली सुबह, जब हम अपने खेत पर पहुंचे, तो हमें वहां न गायें मिलीं और न ही बकरियां.
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ट्रक में 55 गायों, 17 बकरियां और 13 बछड़ों को ले गए
जमात अली के एक परिजन ने तो यहां तक कहा कि उसने कुछ लोगों को ट्रक में 55 गायों, 17 बकरियां और 13 बछड़ों को ले जाते हुए देखा, जो कि बजरंग दल से थे. बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद जमात अली और उसका बेटा चार अन्य लोगों के साथ मामले को लेकर गुड़गांव की पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन से मिलने गए. जमात अली ने बताया कि जो लोग हमारी गायें लेकर भागे, उन लोगों ने ही हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है और पशुहत्या के आरोप लगाए हैं.
गायें और बकरियां हमारी आय का एकमात्र स्रोत थीं
जमात अली के भतीजे जुबैर ने कहा, ‘वे गायें और बकरियां हमारे परिवार की आय का जरिया थीं. हमारे पास खेती करने को ट्रैक्टर भी नहीं हैं. हमारा तो अपनी मवेशियों से ही गुजारा होता था, लेकिन उन्हें भी हमसे छीन लिया गया.’ उसने कहा कि गोहत्या पर प्रतिबंध है, ये हम जानते हैं. हम गोहत्या नहीं करते. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मुसलमान गाय नहीं पाल सकते?
– भारत एक्सप्रेस
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