बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में सारी ताकत झोंक दी है.राज्य में इस बार पार्टी की राह आसान नहीं है. इस दफा बीजेपी के सामने इस पहाड़ी राज्य में पहाड़ जैसी चुनौती है. आलाकमान इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है.वजह है राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल. लिहाजा पार्टी अपने वोटरों तक पहुंचने और उन्हें लुभाने की रणनीति तैयार कर रही है.इसके लिए पार्टी अपने स्टार प्रचारकों को मोर्चे पर उतारने की तैयारी कर रही है .स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी फाइनल है.हिमाचल प्रदेश के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ यूपी के CM योगी आदित्यनाथ का नाम सबसे ऊपर है.
यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद से योगी आदित्यनाथ लगातार देश की राजनीति में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं.बीजेपी संगठन में भी सीएम योगी की मांग तेजी से बढ़ी है.दूसरी ओर पार्टी मोदी मैजिक पर ज्यादा यकीन करती है.हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर( एंटी इनकंबैंसी) एक बड़ा फैक्टर है,जिसकी काट के लिए प्रधानमंत्री राज्य में रैलियां करेंगे.बताया जाता है कि मोदी राज्य में तीन रैलियां करेंगे.प्रधानमंत्री की ये रैलियां, मंडी,हमीरपुर और राजधानी शिमला में आयोजित कराने का प्रस्ताव है.
बीजेपी की लिस्ट में वैसे तो और भी स्टार प्रचारक हो सकते हैं,लेकिन उम्मीदों का दारोमदार जिन नेताओं पर ज्यादा है उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी सबसे ऊपर हैं,उसके बाद योगी आदित्यनाथ हैं.सबसे बड़ी बात ये है कि हिमाचल में चुनाव प्रचार के लिए सबसे ज्यादा डिमांड योगी आदित्यनाथ की है.क्योंकि कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उनका योगी मॉडल लोगों को बहुत रास आ रहा है.लोग चाहते हैं कि उनका बुलडोजर मॉडल हिमाचल में भी लागू हो.
अभी तक जो खबरें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक सीएम योगी राज्य में कुल 10 रैलियां करेंगे.वह एक दिन में दो जगहों पर रैली करेंगे.इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा क्योंकि हिमाचल से ही ताल्लुक रखते हैं,इसलिए पार्टी की कोशिश है कि उनकी 20 रैलियां करवाई जाएं ताकि उनकी लोकप्रियता का लाभ भी उठाया जा सके.पार्टी इस पहाड़ी राज्य में प्रचार के लिए उत्तराखंड मॉडल को भी अपना सकती है,जहां पार्टी के बड़े से बड़े नेता से प्रचार करवाया गया, जिसमें मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह भी शामिल थे.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है,लेकिन आम आदमी पार्टी की मौजूदगी भी यहां कोई ना कोई गुल जरूर खिलाएगी.आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट काटेगी जिससे उसे नुकसान हो सकता है.वैसे कांग्रेस और बीजेपी में असंतुष्टों की कमी नहीं है,बावजूद इसके बीजेपी को अपने लोकप्रिय नेताओं पर भरोसा है.राज्य में 12 नवंबर को वोटिंग है,नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44 सीटें जीतीं थी.
-भारत एक्सप्रेस
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