देश

बांग्लादेश में हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना, मंदिरों और घरों पर हो रहे हमले, पढ़ें, विदेश मंत्री ने और क्या-क्या बताया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति पर राज्यसभा में बयान दिया. उन्होंने अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई. विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह बयान शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और ढाका तथा बांग्लादेश के कई अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद भारत पहुंचने के एक दिन बाद आया है.

अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले

विदेश मंत्री ने 4 अगस्त के बाद की घटनाओं का ब्यौरा देते हुए कहा, “देश भर में शासन से जुड़े लोगों की संपत्तियों को आग लगा दी गई. विशेष रूप से चिंताजनक बात यह थी कि अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी कई स्थानों पर हमला किया गया.”

ढाका में अधिकारियों के संपर्क में है सरकार

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ढाका में अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. नई दिल्ली को उम्मीद है कि मेजबान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के अलावा बांग्लादेश में भारतीय प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करेगी.

उन्होंने बांग्लादेश से संबंधित हाल के घटनाक्रमों के बारे में सदन को अवगत कराते हुए कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध कई दशकों से और कई सरकारों के दौरान घनिष्ठ रहे हैं. नई दिल्ली स्थिति स्थिर होने पर सामान्य कामकाज की उम्मीद कर रही है.

एस जयशंकर ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए सदन के सदस्यों से एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के संबंध में समझ और समर्थन की भी मांग की. उन्होंने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में हाल की हिंसा और अस्थिरता के बारे में चिंताएं सभी राजनीतिक दलों में समान हैं.

जनवरी 2024 में चुनावों के बाद से बांग्लादेश की राजनीति में काफी तनाव, गहरे मतभेद और बढ़ता ध्रुवीकरण देखा गया है. इस अंतर्निहित आधार ने इस साल जून में शुरू हुए छात्र आंदोलन को और भी गंभीर बना दिया.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई से है पीएम मोदी का कनेक्शन, प्रधानमंत्री ने खुद बताई थी वजह, देखें वीडियो

उन्होंने कहा, “सार्वजनिक इमारतों और बुनियादी ढांचे पर हमलों के साथ-साथ यातायात और रेल अवरोधों सहित हिंसा बढ़ रही थी. जुलाई तक हिंसा जारी रही. इस पूरी अवधि के दौरान, हमने बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और आग्रह किया कि बातचीत के माध्यम से स्थिति को सुलझाया जाए.”

जयशंकर ने सदन को यह भी बताया कि विभिन्न राजनीतिक ताकतों से भी इसी तरह का आग्रह किया गया था, जिनके साथ भारत सरकार संपर्क में है. हालांकि, 21 जुलाई को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद, जन आंदोलन में कोई कमी नहीं आई.

विदेश मंत्री ने कहा, “इसके बाद लिए गए विभिन्न निर्णयों और कार्रवाइयों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. इस स्तर पर आंदोलन एक सूत्रीय एजेंडे के इर्द-गिर्द सिमट गया. सोमवार को प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बावजूद ढाका में एकत्र हुए.”

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

Recent Posts

साल 1916, जब इंसानों ने जंजीर से बांध कर टांग दिया हाथी, अमेरिका का ये काला इतिहास झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

33 minutes ago

Delhi: LG ने की CM Atishi की तारीफ, Kerjiwal से इतने गुना बेहतर भी बता दिया

दिल्ली में Aam Aadmi Party की सरकार शासन और नौकरशाही पर नियंत्रण से जुड़े कई…

35 minutes ago

केस दर्ज होने के खिलाफ AMU में छात्रों का प्रदर्शन, छात्र संघ चुनाव कराने की मांग पर अड़े

AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…

2 hours ago

‘व्यापार और भारत पर इसका कोई असर नहीं होगा’, अमेरिका में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर बोले अधिवक्ता विजय अग्रवाल

Gautam Adani Indictment In US: दिल्‍ली में नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने उद्योगपति…

2 hours ago

BGT Perth Test: टीम इंडिया 9वीं बार विदेशी सीरीज में पहले ही दिन हुई ऑल-आउट

Border-Gavaskar Trophy: भारतीय टीम पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 150 रन बनाकर ऑल-आउट…

3 hours ago