भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात काफी बिगड़े हुए हैं. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने हिंसा के बाद देश छोड़ दिया है और वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस पर ठहरी हुई हैं.
बांग्लादेश में भारत की उच्चायुक्त रह चुकीं वीना सीकरी ने वहां के हालातों के बारे में समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हालात इस समय काफी गंभीर हैं. हमें उम्मीद नहीं थी कि वहां स्थिति इतनी जल्दी बिगड़ जाएगी. अगर आप कोटा सुधार आंदोलन के बारे में बात करते हैं, तो छात्र और प्रधानमंत्री शेख हसीना एक मत थे. उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इस मुद्दे पर उन्हें छात्रों का भी साथ मिला.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि 15 जुलाई के बाद वहां हालात बिगड़े और सड़कों पर उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया. 21 जुलाई के बाद कोटा सुधार आंदोलन पीछे चला गया. इस मुद्दे पर राजनीतिक दल आगे आ गए. देखते ही देखते ये आंदोलन हिंसक हो गया. एक समय पर छात्रों ने यहां तक कहा कि हम एक स्थगन प्रस्ताव रखेंगे और हमारे पास प्रधानमंत्री शेख हसीना को देने के लिए एक लिस्ट है.’
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वीना सीकरी ने जमात-ए-इस्लामी पर छात्रों के आंदोलन को हाईजैक का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘छात्रों के आंदोलन को जमात-ए-इस्लामी ने टेकओवर किया, जिससे वहां हालात और बिगड़ते चले गए. कल जब शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा तो कुछ प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा पर चढ़ गए. वे छात्र नहीं बल्कि जमात-ए-इस्लामी के लोग थे.’
उन्होंने आगे कहा, मैं समझती हूं कि शेख हसीना एक मजबूत राष्ट्रवादी नेता हैं. उन्होंने अपने देश के आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया है और उन्होंने उस आर्थिक विकास को लाने के लिए बहुत मेहनत की है. उन्होंने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है. उनके पास दक्षिण एशिया या दुनिया में कहीं भी सबसे अधिक विकास दर है. और आप जानते हैं कि उनके देश ने बीते कुछ समय में बहुत तरक्की हुई है. इसलिए मुझे लगता है कि बांग्लादेश के विकास में उनकी रुचि का सवाल बहुत स्पष्ट है.’
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हालात का वैश्विक प्रभाव भी है. आप चाहते हैं कि सब कुछ संविधान के अनुसार हो. लेकिन, कुछ लोग इसे बिगाड़ना चाहते हैं, जो कि एक लोकतांत्रिक देश है. इसलिए बांग्लादेश में स्थिरता वापस लाने की जरूरत है.
-भारत एक्सप्रेस
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