MCD RP Cell: राजधानी दिल्ली में यूं तो समस्याओं की भरमार है, मगर यहां के बाशिंदे कुछ स्थायी समस्याओं से हर रोज परेशान होते हैं, जिनमें यातायात जाम और अतिक्रमण के बाद तीसरी सबसे बड़ी समस्या है अवैध पार्किंग और वैध पार्किंग में होने वाली ज्यादा वसूली.
यह दोनों ही मामले दिल्ली नगर निगम (MCD) के आरपी सेल (RP Cell – Remunerative Project Cell) से संबंधित हैं. उसी की जिम्मेदारी है कि वह वैध पार्किंग स्थलों पर नियमानुसार शुल्क वसूले जाने की व्यवस्था करे और अवैध पार्किंग स्थलों के मामले में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कारवाई करे, लेकिन आमतौर पर ऐसा होता नजर नहीं आता.
दरअसल सोशल मीडिया के प्रभावी होने के बाद शहर में आए दिन अवैध पार्किंग स्थलों और वैध पार्किंग में अवैध वसूली की हकीकत वीडियो फुटेज के तौर पर सामने आती रहती है. मगर आरपी सेल का अफसर कान में तेल डालकर बैठे रहते हैं. पिछले दिनों लाल किले के सामने लाजपत राय मार्केट के बाहर अवैध पार्किंग की कहानी का खुलासा हुआ, तो नारायण इलाके में पुलिस ने पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली के खेल का भंडाफोड़ कर आरोपियों पर कार्रवाई की. मगर आरपी सेल नदारद थी. इसी सप्ताह सुभाष पैलेस में निगम की मल्टी स्टोरी पार्किंग में बिना टेंडर डेढ़ साल से चल रही वसूली का खुलासा हुआ, आरपी सेल तब भी खामोश रही.
सूत्रों की माने तो शहर में चल रही अवैध पार्किंग के सरगना आरपी सेल के कई भ्रष्ट अफसरों को ‘मोटा चढ़ावा’ (रिश्वत) चढ़ाते हैं. यही वजह है कि कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया जाता. इतना ही नहीं इन भ्रष्ट अफसरों को निगम में उच्च पद पर बैठे कई आला अधिकारियों से भी संरक्षण मिलता है. यही वजह है कि दो महीने पहले हुई शिकायत के बावजूद आरपी सेल के अफसरों की नींद नहीं खुली.
आपको जानकर हैरानी होगी की नगर निगम की वेबसाइट पर आरपी सेल में वर्तमान में तैनात अफसरों की सूची तक मौजूद नहीं है. यहां बीते साल तैनात रहे अफसरों की सूची ही चली आ रही है.
इतना ही नहीं जून 2023 के बाद से वैध पार्किंग स्थलों की सूची भी अपडेट नहीं की गई है. चार दिन पहले जब इस बारे में आरपी सेल के उपायुक्त पद पर तैनात अमित कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि वैध पार्किंग स्थलों की सूची 24 घंटे में अपडेट कर दी जाएगी. बीते गुरुवार (9 मई) को उन्होंने कहा कि आईटी वाले अपडेट कर रहे हैंत्र लेकिन अभी तक भी ऐसा नहीं किया गया.
दरअसल वैध पार्किंग स्थलों की सूची सार्वजनिक होने के बाद लोगों को जानकारी हो जाएगी कि कहां अवैध पार्किंग चल रही है और कहां नि:शुल्क पार्किंग स्थल पर भी अवैध वसूली हो रही है. जाहिर है कि इसका नुकसान न केवल पार्किंग माफिया को होगा, बल्कि आरपी सेल के कई भ्रष्ट अफसरों की ‘कमाई’ भी मारी जाएगी. शायद यही वजह है कि जान-बूझकर सूची और जिम्मेदार अफसरों की जानकारी छिपाने की कोशिश होती रहती है.
आरपी सेल के कामकाज पर पहली बार उंगली नहीं उठ रही है. यह विभाग अक्सर भ्रष्ट अफसरों के कारनामों के कारण सुर्खियों में रहता है, क्योंकि यहां पर्दे के पीछे रहकर भी बड़े खेल को आसानी से अंजाम दिया जाता रहा है. शायद यही वजह है कि यहां अक्सर प्रतिनियुक्ति पर आने वाले ‘खास’ अफसर इस सीट को ज्यादा पसंद करते हैं, जबकि इनमें से कई तो इस पद के योग्य भी नहीं होते हैं.
वर्तमान में इस विभाग में उपायुक्त के पर तैनात अमित कुमार 2019 में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में अतिरिक्त उपायुक्त के पद पर प्रतिनियुक्ति पर थे, लेकिन यह कार्यकाल लगातार बढ़ रहा है. इतना ही नहीं निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने उन्हें निदेशक पत्र एवं सूचना के साथ संवेदनशील विभागों उपायुक्त आरपी सेल और विज्ञापन विभाग के उपायुक्त का जिम्मा भी सौंप रखा है, जबकि उनकी नियुक्ति अतिरिक्त उपायुक्त के पद पर हुई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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