देश

सीमा पर तनाव के बावजूद चाइनीज निवेश मंजूर, सूचना एवं IT राज्य मंत्री बोले- चीनी कंपनियों के निवेश के लिए भारत के दरवाजे खुले हैं

India China Relations 2023: क्या भारत गलवान घाटी में हुए झड़प के बाद चीनी कंपनियों पर बरतने वाली सख्ती को अब कम कर रहा है? क्या सीमा पर तनाव और व्यापार को भारत अलग-अलग नजरिए से देखता है? यह सवाल तब और प्रासंगिक हो जाते हैं, जब भारतीय सरकार देश में निवेश के लिए चीनी कंपनियों को आमंत्रित करती है. बुधवार को फाइनेंशियल टाइम्स (FT) को दिए एक इंटरव्यू में सूचना एवं IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि चीनी कंपनियों से निवेश के लिए भारत के दरवाजे खुले हैं.

चन्द्रशेखर ने FT को बताया, “हम कहीं भी किसी भी कंपनी के साथ व्यापार करने के लिए तैयार हैं, जब तक वे निवेश कर रहे हैं और अपना व्यवसाय वैध तरीके से संचालित कर रहे हैं और भारतीय कानूनों का अनुपालन कर रहे हैं,” उन्होंने कहा कि भारत (का दरवाजा) “चीन कंपनियों समेत सभी निवेश के लिए खुला है”.

चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा, लेकिन व्यापार कम न हुआ
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प के बाद नई दिल्ली ने चीनी व्यवसायों की जांच बढ़ा दी है. गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत ने टिकटॉक समेत 300 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत ने चीनी कंपनियों के निवेश की निगरानी में भी जांच प्रक्रिया को काफी टफ रखा है. इसका उदाहरण चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी Xiaomi, ओप्पो और वीवो है. इनके खिलाफ नियामक जांच चल रही है. आऱोप है कि इन कंपनियों ने भारतीय कर और विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन किया है.

यह दुनिया के देशों की एक सामान्य प्रवृत्ति- मंत्री राजीव चंद्रशेखर
इन सबके बावजूद चन्द्रशेखर ने यह भी कहा कि विदेशी निवेश पर लगाम कसने का लक्ष्य चीन नहीं है और यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल सहित अन्य पड़ोसी देशों पर भी लागू होता है. उन्होंने चीनी कंपनियों पर जांच-पड़ताल के संदर्भ में अखबार को बताया, “मुझे नहीं लगता कि यह कोई बहुत अनोखी बात है या इसका गलवान से कोई लेना-देना है, क्योंकि यह दुनिया के देशों की एक सामान्य प्रवृत्ति है, जो अपने बैकबोन नेटवर्क, तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र पर भरोसा नहीं करने की चिंता से जागते हैं.”

यह भी पढ़ें: जर्मनी में 2 साल बच्ची अरिहा शाह उसके भारतीय माता-पिता को अब तक नहीं मिली, वापस लाने के लिए जैन समुदाय ने बंगाल में जर्मन वाणिज्य दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन

चीनी कंपनी BYD को मिलेगी मंजूरी!
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ (ET) ने बताया कि भारत ने हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ साझेदारी में 1 अरब डॉलर का कारखाना स्थापित करने के चीनी वाहन निर्माता कंपनी बीवाईडी (BYD) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हालांकि, ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि BYD आवेदन “लंबित है और अभी भी वैध है”.

— भारत एक्सप्रेस

Amrit Tiwari

Editor (Digital)

Recent Posts

Bheema koregaon Case: ज्योति जगताप को कोर्ट से झटका, अदालत ने जमानत देने से किया इनकार, अब जुलाई में होगी सुनवाई

Bhima Koregaon Case: भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार यलगार परिषद के कार्यकर्ता ज्योति जगताप को…

8 seconds ago

AAP विधायक अमानतुल्लाह खान बेटे के साथ हुए गायब! नोएडा पुलिस ने घर में दोबारा दी दबिश, नोटिस चस्पा कर खाली हाथ लौटी

विधायक अमानतुल्लाह खान और उनके बेटे अनस पर पेट्रोल पंप कर्मचारियों के साथ मारपीट करने…

19 mins ago

मोहिनी एकादशी कब है? आखिर भगवान विष्णु को क्यों धारण करना पड़ा मोहिनी रूप

Mohini Ekadashi 2024: सनातन धर्म में मोहिनी एकादशी का खास महत्व है. इस दिन भगवान…

25 mins ago

इस शहर के लोग होटल और ऑफिस जाते हैं नंगे पांव, इस वजह से नहीं पहनते चप्पल?

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लोगों के बगैर जूते चप्पल के चलने का ट्रेंड सोशल मीडिया…

37 mins ago

आजमगढ़ में पीएम मोदी का विपक्ष पर करारा हमला, बोले- जितनी ताकत है, लगा लो आप, CAA नहीं हटा पाओगे

कांग्रेस ने भारत में शरण लिए लोगों की कभी सुध नहीं ली, क्योंकि ये लोग…

1 hour ago

France: फ्रांस के न्यू कैलेडोनिया में इस वजह से भड़की दंगे की आग, चार की मौत, लागू हुआ आपातकाल, टिक-टॉक वीडियो एप पर लगा प्रतिबंध

नए विधेयक के मुताबिक 10 वर्षों से न्यू कैलेडोनिया में रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को…

1 hour ago