Good News: महात्मा गांधी किसी समाज को स्थापित करने के लिए तीन चीजों को आधार मानते थे. वो था आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और गरिमा. इन तीन स्तंभों से किसी भी समाज की कल्पना की जा सकती है. अब इन्हीं विचारों के साथ अधिक समृद्ध और मजबूत भारत का निर्माण किया जा रहा है. देश में कई दशकों से नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल के सालों में भारत में नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए प्रयास और पहल की गई हैं.
बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी में प्रगति से लेकर सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और सतत विकास तक, भारत धीरे-धीरे अपने लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक वातावरण बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. सरकार की नीतियां काफी हद तक बिना किसी तुष्टिकरण या भेदभाव के सामाजिक न्याय प्राप्त करने में सक्षम रही हैं, लगभग हर घर में एलपीजी सिलेंडरों के साथ-साथ शौचालय हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह अनुमान लगाया गया है कि अकेले ग्रामीण भारत में खुले में शौच रोके जाने के बाद स्वच्छता और साफ-सफाई के मामले में करोड़ों रुपये की बचत हुई हैं. पिछले 9 वर्षों में 11.5 करोड़ शौचालयों के निर्माण से ग्रामीण परिवारों के लिए स्वच्छता कवर और स्वच्छता मानकों में भारी वृद्धि हुई है. एक अन्य प्रमुख क्षेत्र जहां भारत अपने प्रयासों से सफल रहा है, वह बुनियादी ढांचा विकास है.
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सरकार ने परिवहन नेटवर्क को अपग्रेड करने, शहरी क्षेत्रों का विस्तार करने और उन शहरों और क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की हैं. नए राजमार्ग, बेहतर सड़क मार्ग, अधिक कुशल रेलवे प्रणाली और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब ने न केवल परिवहन दक्षता में सुधार किया है बल्कि भारतीयों के एक बड़े वर्ग के लिए पहुंच में भी वृद्धि की है.
-भारत एक्सप्रेस
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