Indian Navy Former officer returned India: कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय सैनिकों को दोहा की एक अदालत ने रिहा कर दिया. इनमें से 7 भारतीय भारत भी लौट चुके हैं. स्वदेश लौटे पूर्व सैनिकों ने इस जीत का पीएम मोदी को दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी नहीं होते तो वे स्वदेश नहीं लौट पाते. हालांकि इस सबके बीच एक ऐसे शख्स भी हैं जो पर्दे के पीछे से सैनिकों की रिहाई में जुटे थे.
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल कुटनीतिक तरीके से कतर के अफसरों से संपर्क किया और रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जानकारी के अनुसार कतर के अमीन शेख तमीम बिन हमद से पीएम मोदी ने सैनिकों की रिहाई के बारे में बात की. सूत्रों की मानें तो सभी भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए डोभाल और कतर के समकक्ष अधिकारियों के साथ कई स्तर की बैठकें हुईं.
भारतीय सैनिकों के अलावा कतर ने रूस के एक नागरिक को भी हिरासत से मुक्त कर दिया है.
सूत्रों की मानें तो कतर के सामने यह समस्या थी कि वह इस मामले में सिर्फ भारतीय सैनिकों को कैसे रिहा करेगा. ऐसे में कतर ने भारत के साथ-साथ अमेरिका और रूस के कैदियों को भी रिहा कर दिया.
बता दें कि सभी पूर्व भारतीय नौसैनिक अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलाॅजीज और कंसेल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम करने वाले पूर्व भारतीय सैनिकों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था. इसके बाद भारत सरकार ने कानूनी मदद और कुटनीति के जरिए भारतीय सैनिकों को रिहा करवाया था.
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