देश

भारत का पहला रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 लॉन्च, 53 उपग्रहों को अंतरिक्ष में पहुंचाया

शनिवार की सुबह भारत के पहले रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 को चेन्नई के ईस्ट कोस्ट रोड तट से एक मोबाइल लांचर से सफलतापूर्वक लांच किया गया. इस रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट को तमिलनाडु के एक स्टार्टअप ‘स्पेस जोन’ ने प्रसिद्ध मार्टिन ग्रुप के सहयोग से तैयार किया है. यह देश का पहला रियूजेबल एंट्री व्हीकल है. RHUMI-1 के जरिये 3 छोटे उपग्रह और 50 सूक्ष्म उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किए जाएंगे. ये उपग्रह बढ़ रहे वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन पर शोध के लिए डेटा एकत्र करेंगे.

स्पेस जोन के संस्थापक और सीईओ आनंद मेगालिंगम ने लॉन्च से पहले कहा, “भारत में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में छोटे सैटेलाइट्स की मांग बढ़ रही है. इससे देश को ‘छोटे सैटेलाइट’ मार्केट को पकड़ने और हाइब्रिड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा ताकि यह प्रक्रिया कम से कम कीमत में हो सके.”

इस मिशन की अगुवाई डॉ. मायस्वामी अन्नादुराई ने की. उन्हें ‘मून मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है. वह इससे पहले इसरो सैटेलाइट सेंटर (ISAC) के निदेशक रह चुके हैं. इसके अलावा कंपनी के सीईओ आनंद मेगालिंगम को इस मिशन का डायरेक्टर नियुक्त किया गया.

क्या हैं विशेषताएँ?

रॉकेट में एक पारंपरिक ईंधन आधारित हाइब्रिड मोटर और इलेक्ट्रिकली ट्रिगर किए गए पैराशूट डिप्लॉय करने की सुविधा है. यह पूरी तरह से पायरोटेक्निक रहित है. RHUMI-1 की अन्य प्रमुख विशेषताओं में इसके विशेष कोण पर काम करने की सुविधा शामिल है, जो 0 से 120 डिग्री के कोण तक काम कर सकता है. RHUMI-1 की इस खूबी की वजह से उपग्रह का सटीक ट्रेजेक्टरी कंट्रोल संभव होता है.

RHUMI-1 रॉकेट तरल और ठोस दोनों प्रकार की ईंधन प्रणालियों का उपयोग करता है, जो देश में न केवल पारंपरिक रॉकेटों की एफिशिएंसी मे सुधार कर पूरे मिशन की संचालन लागत को कम करेगा. इसके अलावा कम प्रदूषण फैलाने की वजह से भी यह पर्यावरण सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि रॉकेट का प्रयोग केवल अंतरिक्ष खोजों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह कृषि, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी कार्य करेगा.

रियूजेबिलिटी से कम होगा खर्च

रियूजेबिलिटी से स्पेस कंपनियां रॉकेट के सबसे महंगे हिस्से को फिर से अंतरिक्ष में भेज सकती हैं, जिससे बार-बार ऊपरी हिस्से को तैयार करने का खर्च कम हो जाता है और डायरेक्ट-टू-डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी जैसी नई सेवाओं को भी जन्म दे सकती है.

फरवरी 2023 में, स्पेस जोन इंडिया ने तमिलनाडु के कपालक्कम में एटॉमिक रिसर्च सेंटर से भारत का पहला हाइब्रिड रॉकेट लॉन्च किया था. कंपनी ने RHUMI-1, RHUMI -2, और RHUMI -3 जैसे कई रॉकेट विकसित किए हैं, जो 1 किमी से 500 किमी तक की ऊंचाई पर उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता रखते हैं.

ये भी पढ़ें- Shikhar Dhawan Retirement: भारतीय क्रिकेटर श‍िखर धवन ने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट से लिया संन्यास, कहा- कहानी में आगे बढ़ने के लिए पन्ने पलटना जरूरी

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

Recent Posts

अक्टूबर महीने में भारत का निर्यात 17.25 प्रतिशत बढ़ा, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी के साथ इजाफा

इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर 2023 के 8.08 अरब डॉलर से 39.37 प्रतिशत बढ़कर अक्टूबर…

9 minutes ago

भारत की जीडीपी अगले तीन वित्त वर्षों में सालाना 6.5 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी: रिपोर्ट

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि भारत की विकास कहानी बरकरार…

10 minutes ago

आरोपी विदेशी नागरिकों द्वारा जमानत पर छूटने और लापता होने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्त की चिंता

Accused Foreign Nationals: सुप्रीम कोर्ट ने अपराध के आरोपी विदेशी नागरिकों द्वारा जमानत पर छूटने…

14 minutes ago

Money Laundering से जुड़े मामले में बढ़ीं Godrej Properties की मुश्किलें, ED ने कंपनी के निदेशकों और अधिकारियों को भेजा Summon

इसी साल मई के महीने में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में ORRIS…

28 minutes ago

Women’s Asian Champions Trophy: दीपिका के 5 गोल की बदौलत भारत ने थाईलैंड को 13-0 से रौंदा

यह भारत की टूर्नामेंट में लगातार तीसरी जीत थी. भारत की ओर से दीपिका के…

42 minutes ago