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“भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते अगर…” पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर बोले जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष छिन कांग से मुलाकात के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर स्थिति ‘असमान्य’ है और भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते अगर सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता की स्थिति बाधित हो. जयशंकर ने यह भी कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने की जरूरत है.

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कुछ हिस्सों में जारी गतिरोध चौथे साल में प्रवेश कर गया है. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री ने बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता की.

उन्होंने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, कांग से हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा , ‘‘मुझे लगता है कि मुद्दा यह है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में एक असामान्य स्थिति है. हमने इस बारे में खुलकर बात की.’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाना होगा और हमनें सार्वजनिक रूप से भी इसे स्पष्ट किया है. जो मैं बंद कमरे में कहता हूं, वह जो बाहर कहता हूं, उससे अलग नहीं है… भारत और चीन के संबंध सामान्य नहीं हैं एवं ये सामान्य नहीं हो सकते अगर सीमा पर शांति और स्थिरता बाधित हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में बहुत स्पष्ट रहा हूं, मैं इस बारे में लगातार कहता रहा हूं और इस रुख में बैठक के दौरान भी कोई बदलाव नहीं आया.’’

जब चीन के इस दावे के बारे में पूछा गया कि सीमा पर स्थिति स्थिर है तो जयशंकर ने संकेत दिया कि ऐसा नहीं है. गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। चीनी विदेश मंत्री मार्च में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे. वार्ता के दौरान, जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष को बताया कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर विवाद के कारण भारत-चीन संबंधों की स्थिति “असामान्य” है.

पिछले हफ्ते, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से एक बैठक में कहा था कि चीन द्वारा मौजूदा सीमा समझौतों का उल्लंघन किए जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों का पूरा आधार “खराब” हो गया है और सीमा से संबंधित सभी मुद्दों को मौजूदा समझौतों के अनुसार हल किया जाना चाहिए. यह बैठक 27 अप्रैल को नयी दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन के मौके पर हुई थी. दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच बैठक से कुछ दिन पहले, भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा विवाद के समाधान के लिए 18वें दौर की वार्ता की थी.

-भारत एक्सप्रेस

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