Adani Group: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों के गिरने का सिलसिला जारी है. वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी और केंद्र पर हमला कर रहे हैं. कांग्रेस ने एक बार फिर रविवार को केंद्र पर हमला तेज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर मोदी सरकार की ‘‘गहरी चुप्पी’’ से ‘‘मिलीभगत की बू आती है.’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के सामने रोजाना तीन सवाल रखेगी.
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इस मुद्दे पर जयराम रमेश ने कहा कि चार अप्रैल 2016 को पनामा पेपर खुलासे के जवाब में वित्त मंत्रालय ने घोषणा की थी कि पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से एक बहु-एजेंसी जांच समूह को विदेशी ‘टैक्स हेवन’ (कर चोरी के लिहाज से मुफीद देशों) से संबंधित वित्तीय प्रवाह की निगरानी करने का निर्देश दिया था.
जयराम रमेश ने कहा कि 2016 में चीन के हांगझाऊ में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आपने ( पीएम मोदी) कहा था, ‘‘हमें आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित आश्रयों को खत्म करने, धनशोधन करने वालों का पता लगाकर बिना शर्त प्रत्यर्पित करने और जटिल अंतर्राष्ट्रीय नियमों के जाल तथा अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता को तोड़ने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है, जो भ्रष्ट लोगों और उनके कार्यों को उजागर होने से रोकती है.” कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे कुछ ऐसे सवाल पैदा होते हैं, जिनसे आप (मोदी) और आपकी सरकार ‘एचएएचके’ (हम अडाणी के हैं कौन) कहकर नहीं बच सकते.
कांग्रेस नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि पनामा पेपर और पेंडोरा पेपर में गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का नाम बहामास और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में विदेशी संस्थाओं को संचालित करने वाले व्यक्ति के रूप में आया था. उन्होंने कहा, “आपने भ्रष्टाचार से लड़ने में अपनी ईमानदारी और ‘नीयत’ के बारे में अक्सर बात की है और यहां तक कि इसके चलते देश को नोटबंदी के रूप में भारी कीमत चुकानी पड़ी है.”
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कांग्रेस नेता ने कहा, “यह तथ्य कि आप जिस व्यावसायिक इकाई से भली-भांति परिचित हैं, वह गंभीर आरोपों का सामना कर रही है, आपकी जांच की गुणवत्ता और गंभीरता के बारे में क्या बयां करता है?” उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने और उन कारोबारी घरानों को दंडित करने के लिए वर्षों से ईडी, सीबीआई और डीआरआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का ‘‘दुरुपयोग’’ किया है, जो उनके साथियों के वित्तीय हितों के अनुरूप नहीं हैं.
रमेश ने सवाल किया कि अडानी ग्रुप के खिलाफ वर्षों से लगाए जा रहे गंभीर आरोपों की जांच के लिए क्या कभी कोई कार्रवाई की गई है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या पीएम के अधीन मामले में सही और निष्पक्ष जांच की कोई उम्मीद है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “यह कैसे संभव है कि भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक, जिसे हवाई अड्डों और बंदरगाहों के क्षेत्र में एकाधिकार बनाने की अनुमति दी गई है, लगातार आरोपों के बावजूद इतने लंबे समय तक गंभीर जांच से बच सकता है?”
-भारत एक्सप्रेस
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