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Jharkhand Politics: झारखंड कांग्रेस में क्या चल रहा है? प्रदेश नेतृत्व पर उठ रहे सवाल, फुरकान ने खोला मोर्चा

Jharkhand Politics: झारखंड में लंबे समय से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की चर्चा हो रही है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व झारखंड प्रभारी और वर्तमान में यूपी से बीजेपी के राज्यसभा सांसद आरपीएन सिंह से करीबी होने का आरोप लगा है.

प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग

पूरे देश की तरह झारखंड में भी कांग्रेस की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही राज्य में मंत्रिमंडल गठन के बाद पहले तो 12 विधायकों ने फिर से मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों को ले जाने के खिलाफ बगावत कर दी दिल्ली तक कुछ कर दिया और अब उन्हें बागी विधायकों में से एक इरफान अंसारी के पिता और एक जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने भी प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाया है..

उन्होंने कहा कि ये जो कार्यकारी अध्यक्ष दिल्ली गए हैं इनको आज होश आया है. मैंने तो पहले ही प्रदेश नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया था… राजेश ठाकुर को हटाने की मांग की थी… इन कार्यकारी अध्यक्षों का भरोसा नहीं . जब प्रदेश नेतृत्व में बदलाव करने की मांग हुई थी ,तब इन लोगों ने कोई समर्थन नहीं दिया था…आज जब चुनाव सिर पर है तो इन्हे होश आया है और प्रदेश के खिलाफ दिल्ली दरबार में डेरा डाले हुए हैं. क्या इनके इस व्यवहार से पार्टी की किरकिरी नहीं हो रही है.. क्या पार्टी कमजोर नहीं हो रही. केंद्रीय नेतृत्व को क्या इन बातों पर गौर नहीं करना चाहिए…

प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ है माहौल

दरअसल झारखंड में भी कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ पार्टी के अंदर ही एक माहौल बना हुआ है. महीनो पहले से उनके बदले जाने की चर्चा भी तेज हुई लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी बदलते गए और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर लगातार अपनी कर्सी बचाते रह गए . राजेश ठाकुर पर एक समय में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी रहे आरपीएन सिंह से आज भी नजदीकियां होने का आरोप लगाता रहा है. आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश में राज्यसभा से बीजेपी के सांसद बने हैं.

अब इन तमाम राजनीतिक समीकरणों को जोड़कर देखा जा रहा है. चर्चा तो यहां तक है कि क्या राजेश ठाकुर बागी विधायकों के साथ हिमाचल जैसी कोई कहानी दोहराने के फिराक में है? इन मुद्दों को लेकर अब कांग्रेस के अंदर तरह-तरह की बातें हो रही है. चुनाव के समय में हो रही इन बातों का असर चुनाव पर भी पड़ेगा. वैसे भी पार्टी की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा दो दिन पहले ही बीजेपी की हो चुकी है.

मधुकर आनंद, ब्यूरो चीफ़, भारत एक्सप्रेस, रांची

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