Sheep Farming: उत्तरी कश्मीर की एक 33 वर्षीय महिला भेड़ पालन व्यवसाय के माध्यम से आत्म-सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण बन गई हैं. कम उम्र में पढ़ाई-लिखाई छूटने के बाद भी महिला ने हार नहीं माना और अपने सपनों का पीछा किया. नतीजा ये रहा कि अब महिला भेड़ पालन करके आस-पास के क्षेत्रों में खूब नाम कमा रही हैं.
महिला व्यवसायी मुमताज कहती हैं, “मैं हमेशा से अपने सपने को जीना चाहती थी, लेकिन भाग्य ने मुझे कम उम्र में ही कॉलेज छोड़ने पर मजबूर कर दिया. हालांकि इससे मैंने एक सफल करियर तलाशने के मेरे जुनून को कभी नहीं छोड़ा.
आर्थिक समस्याओं का सामने करते हुए मुमताज ने भेड़ पालन का व्यवसाय शुरू किया. शुरुआत में मुमताज के परिवार के पास महज 10-15 भेड़ें थीं. लेकिन मुमताज अपने भेड़ के झुंड को विस्तार करना चाहती थी. धीरे-धीरे मुमताज ने अपने व्यवसाय को बढ़ाया. आज मुमताज के पास कई भेड़ें हैं.
मुमताज ने आगे कहा, “भेड़ पालन विभाग बांदीपोरा ने मुझे ‘मिनी भेड़ फार्म’ में सब्सिडी के लिए आवेदन करने को कहा. मैंने आवेदन किया. मुझे फरवरी 2019 में इस योजना के तहत भेड़ यूनिट के लिए चुना गया और मुझे 50 भेड़ों की एक इकाई आवंटित की गई.”
मुमताज का कहना है कि शुरुआत में उन्हें भेड़ पालन के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, समर्पण, दृढ़ता और कड़ी मेहनत से आज सबकुछ ठीक है. मुमताज़ा अपनी सफलता का श्रेय अपने पति के अटूट समर्थन को देती हैं.
मुमताज कहती हैं, “हर सफल महिला के पीछे एक सहायक पति होता है. मेरे प्रयास में बहुत सारी सफलता मेरे पति के निरंतर समर्थन के बिना कभी भी संभव नहीं होती. वह हमेशा मेरी प्रेरणा और भावनात्मक समर्थन रहे हैं और हर सुख-दुख में मेरे साथ खड़े रहे हैं.”
-भारत एक्सप्रेस
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