Kaushambi Triple Murder Case: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी के मोहीउद्दीनपुर गौस गांव में हुए ट्रिपल मार्डर मामले में पुलिस-प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है. खबर सामने आ रही है कि, जिस आराजी पर अवैध तरीके से कब्जा करने के लिए पीएसी के सिपाही सुरेश सिंह ने अनुसूचित जाति के पिता, बेटी और दामाद की हत्या कराई वह तो उसकी हो नहीं सकी, दूसरे जो अवैध कब्जे उसके और अन्य आरोपियों द्वारा किए गए थे उसको भी बुलडोजर ने रौंद दिया. हत्याकांड के ठीक आठ दिन बाद शुक्रवार को बुलडोजर चलाकर सिपाही समेत छह आरोपियों व अन्य 18 लोगों के अवैध कब्जे हटवाए गए. बता दें कि इस दौरान दर्जनों महिलाएं व बच्चे झुंड बनाकर बुलडोजर के सामने आ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. इश पर पुलिस ने लाठी पटक कर सभी को दूर खदेड़ दिया और देर शाम तक अवैध कब्जे पर भारी पुलिस फोर्स के बीच मुख्यमंत्री योगी का बुलडोजर गरजता रहा.
बता दें कि चायल तहसील के पंडा चौराहा स्थित आराजी संख्या 344 का रकबा 52 बीघे का है. इसी भूमि को लेकर तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी सिपाही सुरेश सिंह व आरोपी अमर सिंह के साथ ही अमित सिंह, अरविंद सिंह, राजेंद्र, अनूप के पिता सुग्रीव सिंह आदि का अवैध कब्जा था. बताया जा रहा है कि ये सभी आरोपी मिलकर अपने सहयोगियों की मदद से इस जमीन पर प्लाटिंग कराना चाहते थे. दूसरी ओर 18 अन्य लोगों का भी अवैध कब्जा था. खबर सामने आई है कि, इसी भूखंड में मृतक शिवसरन ने भी 10 बिस्वा जमीन का एग्रीमेंट अपनी पत्नी बृजकली के नाम पर कराया था. गांव वाले बताते हैं कि इसी बात को लेकर सुरेश और उसके साथी शिवसरन से रंजिश रखने लगे थे. इसी के चलते 15 सितंबर की भोर में ही शिवसरन, उसकी पत्नी व ससुर होरीलाल की हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे गांव में हड़कम्प मच गया था तो वहीं इस घटना से सियासत भी गरम हो गई थी. सपा के साथ ही अन्य विपक्षी दल इस घटना को लेकर योगी सरकार को घेरने लगे थे औरआरोपियों के घरों पर बुल़डोजर चलाने की मांग कर रहे थे तो वहीं पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे समाज कल्याण मंत्री अरुण असीम के सामने भी पीड़ित परिवार ने अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलवाने की मांग की थी. इसी के बाद प्रशासन ने कुल 24 अवैध कब्जे धारकों को चिह्नित किया और तीन दिन पहले मुनादी करवाकर अवैध कब्जा हटाने की चेतावनी दी थी. प्रशासन से चेतावनी के बाद भी अवैध कब्जा धारकों ने नहीं सुना. इसी के बाद शुक्रवार को एसडीएम चायल दीपेंद्र यादव, सीओ योगेंद्र कृष्ण नारायण भारी फोर्स व पीएसी के साथ दो जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे और आराजी में हुए 24 लोगों के अवैध कब्जे को बुलडोजर से ढहा दिया.
हत्याकांड के साजिशकर्ता सुरेश सिंह के पक्के मकान व खाली प्लॉट पर बुलडोजर चला तो वहीं हत्यारोपी अमर सिंह की चहारदीवारी, अमित सिंह के पक्के मकान व बाउंड्री, एक अन्य हत्यारोपी जिसका नाम भी अमित सिंह है, उसके अवैध शौचालय, आरोपी राजेंद्र के खाली प्लॉट, दानी लाल के पक्के मकान व छप्पर पर, आरोपी अतर सिंह, राकेश, अनेक पाल और रमापति की चहारदीवारी पर, दशरथ के कच्चे मकान व चहारदीवारी, राजकुमार के छप्पर पर, शिवकुमार और राम सिंह के खाली प्लॉट पर, हरेंद्र सिंह और धर्मेंद्र के टिनशेड, कृष्णा प्रसाद, राधेश्याम, भीम सिंह, ज्ञान सिंह के कच्चे मकान पर, अयोध्याय के पक्का मकान व चहारदीवारी पर प्रमोद सिंह के खाली प्लॉट पर, लालती पत्नी रामबहादुर के खपरैल पर और आरोपी अमित सिंह के पक्के घर पर बुलडोजर चलाया गया.
-भारत एक्सप्रेस
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