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Lucknow Building Collapse: सपा नेता शाहिद मंजूर के बेटे समेत तीन के खिलाफ FIR, स्थानीय लोगों ने बताया क्यों गिरी इमारत

Lucknow Building Collapse: यूपी की राजधानी लखनऊ में धराशायी हुए अलाया अपार्टमेंट मामले में तीन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है. पुलिस की ओर से जारी रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि मो. तारिक पुत्र मो. आरिफ, नवाजिश शाहिद पुत्र शाहिद मंजूर और फाहद याजदानी पुत्र गुलाम याजदानी पर दंडनीय धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इन्होंने संयुक्त रूप से इस इमारत में कुल 13 फ्लैट बनवाए थे और लोगों को बेचा था.

रिपोर्ट में ये भी जानकारी दी गई है कि निर्माण निम्न दर्जे का किया गया था. ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में अपार्टमेंट में जानबूझकर घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया इसको देखते हुए उक्त तीनों पर आईपीसी की धारा 323/308/ 420/ 120बी के साथ ही 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है, जो कि दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है.

बुधवार सुबह ही मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि हजरतगंज के वजीरगंज हसन रोड पर बने अलाया अपार्टमेंट के गिरने पर उसके भवन मालिक मोहम्मद तारीफ, नवाज़िश शाहिद तथा साथ ही उस अपार्टमेंट के बनाए गए बिल्डर्स यजदान पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत कराया जाए.

इसी के साथ मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि लखनऊ शहर में यजदान बिल्डर्स के द्वारा बनाई गई अन्य इमारतों को चिन्हित करके जांच करें और सर्वप्रथम दृष्टिया जांच करते हुए अवैध निर्माण/घटिया कंस्ट्रक्शन की स्थिति मे तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाना प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए.

ताश के पत्तों की तरह बिखर गई थी इमारत

बता दें कि मंगलवार देर शाम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट की चार मंजिला इमारत एक पल में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई थी. सैकड़ों लोग मलबे में दब गए थे. रात भर चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF की टीम ने 14 लोगों को बाहर निकाला. फिलहाल राहत कार्य अभी भी जारी है.

ये भी पढ़ें: Lucknow Building Collapse: टेली टेक्टर और लाइफ डिटेक्टर ने दी मलबे में दबे जिंदा लोगों की जानकारी, रेस्क्यू किए गए 16 लोग, देखें VIDEO

स्थानीय लोगों ने क्या बताई वजह

यहां रहने वाले लोगों ने आरोपियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि इमारत के मालिक एक-दो दिन से इमारत में भूमितल में अत्यंत खतरनाक ढंग से भारी ड्रिल मशीनों से ड्रिल कराकर कुछ निर्माण कार्य कराया जा रहा था, जिसकी धमक से पूरी इमारत हिल रही थी. इस पर कुछ लोगों ने आपत्ति भी की थी, लेकिन वे नहीं माने और नतीजा ये रहा कि पूरी इमारत ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. इसी के साथ ये भी खबर सामने आई है कि इस इमारत के लिए कोई भी मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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