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Lucknow: सीएम आवास पर शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, ईको गार्डन लेकर छोड़ा

Lucknow: शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर सीएम आवास के बाहर धरना दे रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जबरन गाड़ी में ठूंसा और फिर उनको ईको गार्डन में छोड़ दिया. यहां भी तेज धूप के बीच उनका घंटों धरना जारी रहा. बेसिक शिक्षा स्कूलों में खाली पदों पर नई भर्ती को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे. अभ्यर्थियों ने खाली पदों पर एक लाख शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करने की मांग योगी सरकार के सामने रखी है. इस दौरान ईको गार्डन में भी भारी पुलिस बल तैनात रहा.

15 दिन में कमेटी नहीं दे पाई ब्यौरा

इस मौके पर अभ्यर्थी राकेश कुमार पाण्डेय ने कह कि यूपी सरकार कमेटी और आयोग का हवाला देकर युवाओं को गुमराह कर रही है. अब हमारी मांग है कि जल्द से जल्द नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करें. जहां सरकार एक ओर हजारों लोगों की भर्ती का दावा कर रही है तो वहीं बेसिक शिक्षा के स्कूलों के लिए भर्ती क्यों नहीं निकाल रही है, जबकि बेसिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षक बेहद कम हो गए हैं. छात्र अनुपात के मुताबिक शिक्षक स्कूलों में नहीं हैं. इसी के साथ अन्य अभ्यर्थियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पद का विवरण जुटाने लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन सितम्बर 2021 में किया था. कमेटी को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी कि कमेटी जल्द से जल्द 15 दिन में बेसिक स्कूलों में रिक्त पदों का ब्यौरा दे, लेकिन 2021 से 2023 आ गया अभी तक अधिकारी रिपोर्ट देने में असमर्थ रहे हैं.

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सेवानिवृत्त हो गए टीम के अध्यक्ष, लेकिन नहीं निकला भर्ती विज्ञापन

प्रदेश में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड और आयोग गठित हैं. अभी तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए शिक्षकों की भर्ती हो रही थी, लेकिन अब शिक्षा सेवा चयन आयोग के जरिये शिक्षकों की भर्ती होगी.

2017 के बाद से यूपी में नहीं जारी हुआ प्राथमिक शिक्षक भर्ती का कोई विज्ञापन

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार जब 2017 में बनी थी उस समय कुल प्राथमिक विद्यालय की संख्या 113249 थी एवं उस समय प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त प्राथमिक शिक्षक 399273 थे, 2017 में उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के स्वीकृत पद 5.65 लाख थे. उस समय उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 165727 पद खाली थे. 2017 से लेकर अब तक कम से कम लगभग 90000 प्राथमिक शिक्षक रिटायर हो चुके हैं, 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कोई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है, 137000 शिक्षामित्रों का जो सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द हुआ था यानी वह पहले अध्यापक थे, उन्ही पदों पर सरकार दो पार्ट में भर्ती को करवा पाई है.

रसोईयां पढ़ा रही हैं बच्चों को

अभ्यर्थियों ने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षकों का बहुत ही ज्यादा अभाव है. कई स्कूल उत्तर प्रदेश में ऐसे हैं जो शिक्षक विहीन हैं. रसोईयां तक छात्रों को विद्यालय में पढ़ा रहीं हैं. प्राथमिक विद्यालयों में नए आंकड़े के मुताबिक 1.92 करोड़ छात्रों ने एडमिशन लिया. युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक राकेश कुमार पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय नें आरटीआई के डाटा का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के 173795 पद खाली हैं. टेट सीटेट पास अभ्यर्थियों की संख्या 15 लाख के ऊपर है जो शिक्षित होते हुए बेरोजगार हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 51112 रिक्त पदों का हलफनामा लगाया था और वादा किया था कि जल्द शिक्षा मित्रों को राहत देते हुए भर्ती करेंगे, लेकिन 5 साल हो गए अभी तक भर्ती का विज्ञापन जारी नही हुआ. सरकार 51112 पद में कुछ और पद को जोड़कर जल्द से जल्द विज्ञापन जारी करे. टेट सीटेट पास युवा पिछले 5 साल से नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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