UP News: छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस के एक भगोड़े सिपाही ने कागजों में कुछ इस तरह से खेल किया कि खुद को मरा बताकर यूपी पुलिस में लम्बे वक्त तक नौकरी करता रहा और किसी को शक भी नहीं हुआ. लेकिन एक चिठ्ठी ने उसका सारा राज खोल दिया और अब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है और उसकी भर्ती भी निरस्त कर दी गई है. शातिर सिपाही ने पहले नाम बदलकर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट किया और फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती-2015 में चयनित हो गया और तब से लगातार नौकरी करता रहा.
खबर सामने आ रही है कि मथुरा के राया आयारखेड़ा निवासी मनोज कुमार वर्ष 2015 में सिपाही के पद पर चयनित हुआ था. उसके खिलाफ वर्ष 2018 में मथुरा एसएसपी कार्यालय को एक गुमनाम शिकायती पत्र मिला, जिस पर लिखा था कि, मनोज कुमार छत्तीसगढ़ पुलिस का भगोड़ा सिपाही है. वह छत्तीसगढ़ पुलिस में सुमित नाम से नौकरी कर रहा था, जिसे छोड़कर भाग गया और फिर उत्तर प्रदेश पुलिस में फर्जी दस्तावेज तैयार कर मनोज बन गया और नौकरी हासिल कर ली. उसने कुटुंब रजिस्टर में भी अपना नाम जोड़ा, जिससे उसने पूरा फर्जीवाड़ा किया. गोपनीय शिकायत पर जब जांच हुई तो उसका फर्जीवाड़ा सामने आया और मनोज सुमित निकला. इसके बाद 22 जनवरी 2022 को उसका आरक्षी पद पर चयन निरस्त कर दिया गया. नियुक्ति निरस्त होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने समिति गठित कर दस्तावेजों की जांच करवाई. इस दौरान बोर्ड को जो दस्तावेज मिले, उस में मथुरा के सीओ महावन की जांच रिपोर्ट भी मिली, जिस पर साफ लिखा था कि, सुमित कुमार ही मनोज कुमार है. इस तरह से मनोज कुमार दो राज्यों को लम्बे वक्त तक बेवकूफ बनाता रहा.
सुमित कुमार से मनोज बने युवक पर भर्ती बोर्ड की तरफ से धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में हुसैनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में फिलहाल कार्रवाई के साथ ही आरोपी मनोज की भर्ती को निरस्त कर दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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