Moradabad: हिंदू धर्म और ब्राह्मणों के साथ ही हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अब कांग्रेस भी उतर आई है. जहां एक ओर ब्राह्मणों के साथ ही साधु-संत और महंत भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से आहत हैं तो वहीं अब कांग्रेस नेता ने स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा की है. इस सम्बंध में एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ लिखा है कि, स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे.
सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र में लिखा है कि, जिला कांग्रेस कमेटी, मानवाधिकार विभाग के जिला चेयरमैन पंडित गंगा राम शर्मा ने कहा कि, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य प्राय: हिंदू धर्म को अपमानित करने हेतु अपने मुंह से हिंदू धर्म की धार्मिक पुस्तक श्रीरामचरितमानस की निंदा करता रहता है. इसी के साथ आगे लिखा है कि, पंडित गंगाराम शर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को दस लाख का नगद इनाम देंगे. बता दें कि यह बात कांग्रेस कमेटी मुरादाबाद के लेटर हेड पर लिखी गई है जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इससे साफ होता है कि मुरादाबाद के कांग्रेस नेता पंडित गंगा राम शर्मा ने श्रीरामचरितमानस और हिंदुओं व ब्राह्मणों को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए ताजा बयान से आहत हैं और उन्होंने सपा नेता की जीभ काटने वाले को 10 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा है कि, अगर आवश्यकता पड़ी तो वह अपने धर्म के लिए जान भी दे देंगे.
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामस्वरूप वर्मा जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन हुआ था और इसी मौके पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि, ”ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है.” इस बयान को लेकर उन्होंने ट्विटर पर अपना एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह ये भी कहते दिखाई दे रहे हैं कि, “अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है कि दलितों का आज अपमान हो रहा है.”
वहीं पूर्व में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य श्री रामचरितमानस को लेकर कहा था कि, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था. करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते. इसी के साथ कहा मानस को बकवास बताते हुए कहा था कि, सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. सपा नेता ने ब्राह्मणों पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है, उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए. इसी के साथ मौर्य ने और भी विवादित बयान हिंदू धर्म को लेकर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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