आज रविवार (12 मई) को मदर्स डे है. हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है. मां के प्रति प्यार, आभार और समर्पण व्यक्त करने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी.
मां और बच्चे के रिश्ते को लेकर बहुत सारी शायरियां और कविताएं लिखी गई हैं, लेकिन इस मामले में मुनव्वर राना को जो मकबूलियत (लोकप्रियता) हासिल है, वह बहुत कम लोगों को मिली है.
मुनव्वर राना का नाम उर्दू के अज़ीम शायरों में शुमार है. उन्होंने मां और बच्चे के रिश्ते को अपनी शायरियों में इस कदर पिरोया है कि वे दिलों को छू जाती हैं. बीते जनवरी महीने में 71 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था.
शायरी के अलावा उनकी ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं ने उर्दू के साथ ही हिंदी साहित्य को भी समृद्ध किया है. मदर्स डे के मौके पर मां के लिए मुनव्वर राना की कलम से निकले कुछ शेर.
-भारत एक्सप्रेस
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