नई दिल्ली– लंबे वक्त के बाद टैरर फंडिंग और और देश विरोधी गतिविधियां चलाने के आरोप में देशभर में पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गयी है.इस कार्रवाई से पीएएफआई में हड़कंप मच गया है. केरल, तमिलनाडु और यूपी समेत देश के 10 राज्यों में एनआईए (NIA) और ईडी (ED) की टीम ने पीएफआई के स्टेट से लेकर जिलास्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी की है और उसके करीब 100 से अधिक कैडर को गिरफ्तार किया है. खुफिया एजेंसियों को लगातार जानकारी मिल रही थी कि पीएफआई संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है.इस संगठन पर लगातार कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ता जा रहा था.सवाल ये भी उठ रहे थे कि आखिर सरकार इस संगठन के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं ले रही है.
एनआईए और ईडी के निशाने पर पीएफआई के चेयरमैन ओएमए सलाम भी हैं, जिनके घर पर आधी रात को छापेमारी की गई.बताया गया है कि एनआईए और ईडी की टीम ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर दस राज्यों में छापेमारी की और इस दौरान पीएफआई के 100 से अधिक कैडर को गिरफ्तार किया गया.एनआईए ने कोयंबटूर, कुड्डालोर, रामनाड, डिंडुगल, थेनी और थेनकासी सहित तमिलनाडु में कई स्थानों पर पीएफआई पदाधिकारियों के घरों की तलाशी ली. पुरसावक्कम में चेन्नई पीएफआई के स्टेट हेड ऑफिस में भी तलाशी ली जा रही है.
इस प्रकार गैरकानूनी तौर पर उसने कुल 19 करोड़ रूपए अवैध माध्यम से भारत स्थित अपने संगठन को ट्रांसफर किए थे. जांच में पता चला कि पीएफआई स्टेट केरल का कार्यकारी अध्यक्ष अशरफ एमके जिसे मूल रूप से एनआईए ने 2010 के प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काटने के मामले में पकड़ा था. जानकारी के मुताबिक, अब्दुल रज्जाक पीएफआई के लिए पैसा जुटाने के मक्सद से विभिन्न गतिविधियों में भी शामिल था.
सबसे अधिक गिरफ्तारियां केरल से की गई हैं जो कि जाहिरा तौर पर पीएफआई का गढ़ माना जाता है. गिरफ्तारियों का जहां तक सवाल है तो केरल से 22, महाराष्ट्र से20, कर्नाटक से 20, आंध्र प्रदेश से 5, असम से 9 , दिल्ली से 3, मध्य प्रदेश से 4 , पुडुचेरी से 3, तमिलनाडु से 10, उत्तर प्रदेश से 8 और राजस्थान से 2 गिरफ्तारियां की गईं. एनआईए ने इसे अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियानॉ करार दिया. अभी गिरफ्तारियों का विवरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय ,ईडी और 11 राज्यों के पुलिस बल ने गिरफ्तारियां की हैं.
इस बीच एनआईए और ईडी की रेड पर पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा कि पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है. राज्य समिति के कार्यालयों पर भी छापेमारी की जा रही है. हम असहमति की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करने के फासीवादी शासन के कदमों का कड़ा विरोध करते हैं.
–भारत एक्सप्रेस
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