Nodia News: ब्रांडेड कम्पनी देखकर घी और मक्खन खरीदने वाले अब सावधान हो जाएं, क्योंकि इन कम्पनियों के नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल कर बाजार में नकली घी-मक्खन उतारा जा रहा है. इस मामले में नोएडा पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रविवार को सेक्टर 70 स्थित एक मकान में चल रही नकली घी और मक्खन बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया है. इसी के साथ फैक्ट्री से करीब 5 क्विंटल नकली घी और मक्खन के साथ नामी कंपनी के रैपर और पैकिंग पेपर बरामद किए हैं व बरामद सामान की कीमत करीब 65 लाख रुपए बताई जा रही है. इस सम्बंध में खाद्य विभाग के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि, विभाग ने सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं.
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मामले के सम्बंध में यूपी पुलिस ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा है कि, नक्कालों से सावधान – नकली घी एवं मक्खन पर अवैध तरीके से अमूल ब्रांड की पैकिंग कर धोखाधड़ी करने वाले 5 अभियुक्तों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1,32,300 नकली पैकिंग रैपर/पेपर, 26 Kg नकली घी व 457.5 Kg नकली मक्खन बरामद किया गया है. बता दें कि थाना फेज 3 पुलिस को इस सम्बंध में जानकारी हुई थी कि, कुछ लोग सेक्टर 70 में नकली घी व मक्खन बनाकर बेच रहे हैं. इसी के बाद पुलिस और फूड सेफ्टी अफसर की टीम ने मकान नंबर जीटी 58, सेक्टर 70 पर छापा मारा और मौके से पांच लोगों को गिरफ्तार किया. वहीं ये भी जानकारी सामने आ रही है कि मौके से छह आरोपी फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश पुलिस टीम कर रही है.
नोएडा पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान संजय (बिहार), राजकुमार (बागपत), आसिफ और साजिद (गाजियाबाद), दीपक मल्होत्रा (हापुड़) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि ये लोग किराये पर मकान लेकर फैक्ट्री चला रहे थे. पुलिस ने आगे बताया कि ये लोग लोकल मार्केट में उपलब्ध सस्ते घी और मक्खन को नामी कंपनी के रैपर में पैक कर बेचते थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि, इस धंधे में वे लोग 6 महीने से शामिल हैं और हर महीने 5 से 6 क्विंटल नकली घी और मक्खन नोएडा और एनसीआर में सप्लाई करते थे. बता दें कि इससे पहले 13 जनवरी 2023 को एक्सप्रेसवे स्थित वाजिदपुर गांव में भी नकली घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी. फिलहाल इस मामले में गिरफ्तार आरोपी जेल भी गए थे और अब ये मामला कोर्ट में चल रहा है.
पूरे मामले को लेकर डीसीपी सेंट्रल राम बदन सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि, इन लोगों के पास से नामी कंपनी के 1,32,300 नकली पैकिंग रैपर व पैकिंग पेपर बरामद हुए हैं. ये रैपर व पैकिंग पेपर दिल्ली से लाते थे. इसी के साथ कोंडली (दिल्ली) से नकली घी व मक्खन खरीदकर नामी कंपनियों के रैपर में पैक करके बाजार में उतार देते थे. इस तरह से वे लोग तीन से 4 गुना तक मुनाफा कमाते थे और लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं करते थे.
डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि, बाजार में नकली मक्खन 14 रुपये में मिलता है. तो ये लोग ब्रैंडेड कंपनी के रैपर में पैक करके इसी नकली मक्खन को 56 रुपये में बेचते थे. आरोपियों ने पुलिस को ये भी बताया कि, वे इसे थोड़ा सस्ता करके ठेली पटरी दुकानदारों और लोकल मार्केट में बेच दिया करते थे.
डीसीपी सेंट्रल ने मीडिया को जानकारी दी कि, खाद्य विभाग ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है. इसमें कितनी मिलावट हुई है और स्वास्थ्य की दृष्टि से कितना हानिकारक है ये विभाग से रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. उन्होंने बताया कि पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि ये लोग कहीं एक्सपायरी डेट के मक्खन की भी पैकिंग तो नहीं करते थे. उन्होंने मीडिया को बताया कि इस पूरे गैंग का सरगना संजय और राजकुमार हैं.
जानकारों की मानें तो मिलावटी देसी घी खाने से पेट संबंधी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इससे अपच और दस्त की शिकायत भी हो सकती है, जिससे शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है, जोकि डिहाइड्रेशन की बड़ी वजह है. जानकार कहते हैं कि, नकली घी में कई बार शातिर कैडमियम भी मिला देते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है. बता दें कि कैडमियम एक तरह का रसायन है, जो विषैला होता हैं. जब यह शरीर में जाता है तो कैंसर के साथ ही यह गुर्दे, हृदय, जठरांत्र, प्रजनन और श्वसन तंत्र को भी प्रभावित करता है और किडनी व मूत्रमार्ग को भी प्रभावित कर देता है.
एक चम्मच घी को हथेली पर डालें अगर इसके बाद यह खुद ही पिघलने लगता है तो जान लें कि घी शुद्ध है.
नकली घी की पहचान करने के लिए इसे लेकर हथेलियों पर रगड़ें. अगर वह जम जाए और खुशबू आनी बंद हो जाए तो समझ लें की घी नकली है.
अगर घी में स्टार्च की मिलाटव के बारे में जानना है तो घी में थोड़ा सा आयोडीन सॉल्यूशन मिला दें. अगर भूरे रंग से वह बैंगनी रंग में बदल जाता है तो समझ लें कि मिलावट है.
शुद्धता की परख के लिए एक बर्तन में एक चम्मच घी गर्म करें. अगर घी तुरंत पिघलकर गहरे भूरे रंग में बदल जाए तो समझ लें कि शुद्ध है और अगर पिघलने में समय लगे व हल्के पीले रंग में बदल जाए तो समझ लें कि ये मिलावटी है.
इस तरीके से भी घी को परखा जा सकता है, आप टेस्ट ट्यूब में एक बड़ा चम्मच घी गरम करें और एक चुटकी चीनी के साथ एक समान मात्रा में गाढ़ा हाइड्रोक्लोरिक एसिड (एचसीआई) मिला दें. सभी को अच्छी तरह मिला लें. अगर ये निचली परत में गुलाबी या लाल रंग में दिखे तो समझ लें कि इसे वनस्पति घी जैसे कठोर घी के साथ मिलाकर तैयार किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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