सौरभ अग्रवाल
Varanasi: यूपी के मलिहाबाद का आम तो पहले से ही देश-विदेश के लोगों को काफी पसंद आता रहता है. वहीं अब काशी भी अब खाड़ी देशों में स्वाद और मिठास बढ़ाने जा रहा है. बनारस का प्रसिद्ध लंगड़ा आम जीआई टैग मिलने के बाद पहली बार खाड़ी देश भेजा गया है. इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मौजूद रहे और उन्होंने फलों के राजा आम के कंटेनर्स को हरी झंडी दिखाकर खाड़ी देशों के लिए रवाना किया.
मुख्यमंत्री ने सोमवार की शाम को तीन कंटेनर्स को रवाना किया, जिसमें बनारसी लगड़ा आम, गाजीपुर व आसपास के जिलों की हरी मिर्च व सब्जियां शामिल थीं. इसमें से दो कंटेनर पानी के जहाज, जबकि बनारसी लंगड़ा आम का कंटेनर हवाई मार्ग से दुबई पहुंचेगा. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा- निर्देश पर पूर्वांचल का पहला पैकेजिंग हाउस तैयार किया गया है. यहां से पूर्वांचल के किसानों द्वारा उत्पादित फलों और सब्जियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार पैक कर विदेशों में भेजा जाएगा. इससे पहले यहां की सब्जियों, फलों एवं अन्य कृषि उत्पादों को दिल्ली से विदेश भेजा जाता था. वाराणसी से पैक हाउस बनने से अब पूर्वांचल की सब्जियां और फल वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विदेशों में भेजा जाएगा. पानी के जहाजों से भी कृषि उत्पाद विदेश भेजे जा रहे हैं.
इस मौके पर मौजूद उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि बीते वर्ष 550 मीट्रिक टन कृषि उत्पादों को वाराणसी से विदेश भेजा गया था. इस साल अब तक 300 मीट्रिक टन कृषि उत्पादों को पूर्वांचल से विदेश भेजा जा चुका है. पैक हाउस से 10 हजार किसानों को लाभ पहुंचेगा. गल्फ देशों के अलावा यूरोप और अमेरिका तक पूर्वांचल के फल और सब्जियों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है.
करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में प्रदेश का तीसरा और पूर्वांचल का पहला पैक हाउस बनाया गया है. पहली बार पैक हाउस से जीआई टैग मिलने के बाद फलों का राजा बनारसी लंगड़ा आम दुबई भेजा गया. इसके साथ हरी मिर्च व अन्य सब्जियों को भी भेजा गया है. पैक हाउस में बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हीट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजारा गया. मानक के तहत एक साइज के आम को मशीन से अलग कर उसका पैकेजिंग की गई, जबकि हरी मिर्च की छंटाई, ग्रेडिंग समेत अन्य प्रक्रियाओं से गुजार कर पैकिंग की गयी हैं. प्रत्येक पैकेट में 3.5 किलो हरी मिर्च रखा गया है.
वाराणसी के बाबतपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर दूर करखियांव में बने पैक हाउस में किसानों के उत्पाद को विदेशों में भेजने के अलावा ट्रेनिंग भी दी जाएगी, जिससे किसान अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत अपने उत्पादों को तैयार कर सकें. कुल 4461 वर्ग फीट में निर्मित इस पैक हाउस पर कुल 15.78 करोड़ खर्च हुआ है. वर्तमान में पांच सौ से अधिक किसान एफपीओ के जरिए पैक हाउस से जुड़े हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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