शिक्षा, स्वास्थ्य, घर, बिजली, पानी और सड़क, ये हमारे जीवन की बुनियादी जरूरतें हैं. अब ऐसे में अगर ये चीजें आम आदमी की पहुंच से दूर होने लगें, तो ये सरकार की नाकामी मानी जाएगी. कुछ ऐसा ही आजकल शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा है, सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा न मिलने से लोग निजी स्कूलों की ओर भाग रहे हैं, लेकिन वहां पर मिडिल और गरीब परिवार अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ होने लगा है, जिसकी वजह है, बेतहाशा फीस वृद्धि.
प्राइवेट स्कूल मन मुताबिक फीस बढ़ोतरी कर लोगों से पैसे वसूल रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से ऐसे स्कूलों पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जाता है. कुछ ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें एक सर्जन ने एक स्कूल की फीस रसीद को शेयर किया है. इस फीस रसीद में नर्सरी क्लास की फीस स्ट्रक्चर दी गई है. इसमें एडमिशन फीस से लेकर पैरेंट ओरिएंटेशन के नाम पर जो रकम डिमांड की जा रही है, उसे देखकर आप हिल जाएंगे.
ईएनटी सर्जन डॉ. जगदीश चतुर्वेदी ने सोशल साइट एक्स पर किसी स्कूल के जूनियर केजी की फीस की रसीद को शेयर किया है. जिसे पढ़कर लोग हैरान हैं. वायरल पोस्ट में एडमिशन फीस 55,638 रुपये है, जो वन टाइम पेमेंट है. वहीं, रिफंड होने वाली कॉशन मनी 30,019 रुपये है. इसके साथ ही 28,314 रुपये एनुअल चार्ज के रूप में वसूला जा रहा है.
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इसके अलावा फी स्ट्रक्चर में 13,948 रुपये डेवलपमेंट के नाम पर और ट्यूशन फीस के रूप में 23,737 रुपये जोड़ रखा है. वहीं, जो सबसे चौंकाने वाला पार्ट है, वो यह है कि स्कूल ने पैरेंट ओरिएंटेशन के नाम पर 8,400 की डिमांड की है. डॉ. जगदीश चतुर्वेदी की पोस्ट के अनुसार, कुल मिलाकर स्कूल ने जूनियर केजी में बच्चे को पढ़ाने के लिए अभिभावकों को डेढ़ लाख रुपये से अधिक का बिल थमाया है.
-भारत एक्सप्रेस
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