Ayodhya Ram Mandir: एनसीपी नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड द्वारा भगवान राम पर विवादित बयान दिए जाने के बाद से उनका लगातार विरोध हो रहा है. इसी क्रम मे अयोध्या के जगतगुरु परमहंस आचार्य का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने जितेंद्र को मार देने की बात कही है. परमहंस आचार्य ने कहा कि, यह बयान अपमानजनक है. उनके ऊपर कार्रवाई की जाए. इसी के साथ गुस्से में कहा है कि, अगर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो मैं जितेंद्र आव्हाड का वध कर दूंगा. इसी के साथ उन्होने ये भी कहा कि भगवान राम का अपमान हिंदुस्तान नहीं सहेगा.
बता दें कि एनसीपी नेता द्वारा भगवान राम पर दिए गए अपमानजनक बयान के बाद से ही भाजपा नेताओं के साथ ही हिंदू संगठन लगातार जितेंद्र का विरोध कर रहे हैं. मालूम हो कि, शरद पवार वाली एनसीपी के नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी बताया है. उनके इस अपमानजनक बयान के बाद से ही उनको विरोध जारी है. इस पर भाजपा नेता राम कदम ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है. तो वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस बयान की आलोचना की है और और जमकर हमला बोला है. इसी बीच अयोध्या के परमहंस आचार्य ने भी चेतावनी दी है और क्रोधित होकर उनको मार डालने तक की बात कह दी है. उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र और केंद्र सरकार से आग्रह करूंगा कि वे इस पर कार्रवाई करें. भगवान राम के बारे में गलत बोलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अगर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो मैं जितेंद्र आव्हाड का वध कर दूंगा. मैं चेतावनी दे रहा हूं.
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तो वहीं श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने एनसीपी नेता के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि, NCP के नेता जो बोल रहे हैं वो बिल्कुल गलत है. किसी भी शास्त्र में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान जब वनवास के लिए गए थे तो उन्होंने मांस खाया था. सभी जगह लिखा है कि उन्होंने कंद-मूल फल खाए, शास्त्र ही प्रमाण हैं. ये विचार निंदनीय हैं. इसी के साथ ही सत्येंद्र दास ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, जितेंद्र आव्हाड द्वारा दिया गया बयान अपमानजनक है. भगवान राम भक्तों की भावना को ठेस पहुंचाता है. उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.
बता दें कि बुधवार को महाराष्ट्र के शिरडी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें एनसीपी नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड भी शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, भगवान राम शाकाहारी नहीं थे, वह मांसाहारी थे. जो व्यक्ति 14 साल तक जंगल में रहेगा वो शाकाहारी भोजन खोजने कहां जाएगा? इसी के साथ ही उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा कि क्या यह सही बात है या नहीं? इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि, ‘कोई कुछ भी कहे, सच्चाई यह है कि हमें आजादी गांधी और नेहरू की वजह से ही मिली. यह तथ्य कि इतने बड़े स्वतंत्रता आंदोलन के नेता गांधी ओबीसी थे, उन्हें (आरएसएस को) स्वीकार्य नहीं है. गांधी की हत्या के पीछे का असली कारण जातिवाद था.’
फिलहाल ताजा खबर सामने आ रही है कि, बढ़ते विवाद को देखते हुए शरद पवार वाली एनसीपी के नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने सफाई दी है और कहा है कि, उनका किसी की भावनाओं को आहत पहुंचाने का मकसद नहीं था. इसी के साथ आगे कहा है कि, ‘आज रामायण पढ़ लिजिए कि क्या लिखा है, आपको साफ हो जाएगा, लेकिन किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता था.’ आगे उन्होंने ये भी कहा कि,’ लड़कियां उठाने वाले का नाम भी राम हैं और वो मेरे पर इल्जाम लगा रहे हैं. ‘ साथ ही 22 जनवरी को लेकर कहा कि, ’22 तारीख तक किसी लॉजिक पर बात नहीं होगी, भावना पर ही बात होगी. इसलिए मैं खेद व्यक्त करता हूं.’ इसी के साथ उन्होंने अपने खिलाफ शिकायत दर्ज होने पर कहा कि वह किसी भी एफआईआर से नहीं डरते हैं.
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