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सौरव गांगुली पर छिड़ा पॉलिटकल संग्राम, BCCI से छुट्टी पर TMC का बड़ा आरोप

भारत के पूर्व कप्तान और अपने ज़माने के मशहूर ऑलराउंडर  सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद से हटने की खबर आते ही इस पर राजनीति होना शुरू हो गई है.  ममता बनर्जी की  TMC  ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, यह फैसला गांगुली के खिलाफ एक राजनीतिक बदले की कार्रवाई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद शांतनु सेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे और BCCI के सचिव जय शाह के पद को लेकर भी  कई बड़े सवाल उठाए हैं.

दरअसल मंगलवार को सौरव गांगुली दिल्ली में थे और उन्होंने कई बैठकों में हिस्सा लिया,फिर वह कोलकाता लौट गये. इसके बाद खबर मिली कि सौरभ गांगुली अब BCCI के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से सेवामुक्त होंगे. उनकी जगह भारत के ही पूर्व खिलाड़ी रोजर बिन्नी को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है. इस खबर के बाद अब क्रिकेट में सियासत उतर आई है. बीजेपी की धुर विरोधी टीएमसी ने इस पर जमकर हमला किया है.

सौरव  गांगुली पिछले तीन सालों से बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं. वो  इसी महिने 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बिन्नी के लिए अपना पद छोड़ देंगे.वैसे भी BCCI चीफ का कार्यकाल केवल तीन साल का होता है. गांगुली से पद से हटने की खबरों के बीच टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने अपने  ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, बीजेपी के नेता और देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं लेकिन गांगुली नहीं. उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए आगे लिखा, “राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण. अमित शाह के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है। लेकिन गांगुली नहीं को (अध्यक्ष पद पर) नहीं रखा जा सकता, क्या इसलिए कि वह पश्चिम बंगाल राज्य से हैं या वे बीजेपी में शामिल नहीं हुए? हम आपके साथ हैं दादा!”

इंडिया टुडे न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए शांतनु सेन ने कहा था कि,  गांगुली की अध्यक्षता इसलिए छीन ली गई क्योंकि उन्होंने अमित शाह के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा, “यह केवल राजनीतिक रूप से प्रभावित कार्य नहीं है बल्कि खेलों का सस्ता भगवाकरण है. इस दौरान ममता बनर्जी के सांसद सेन बीजेपी पर बरसते हुए कहा कि,”बीजेपी ने अपने नेताओं के परिवार के सदस्यों के लिए सभी शीर्ष प्रबंधकीय पद आरक्षित किए हैं.”

दरअसल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव और उससे पहले लोकसभा चुनाव में भी सौरभ गांगुली के राजनीति में आने की खबरें आ रही थी. पहले बताया जा रहा था कि वो ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी ज्वॉइन करेंगे. फिर राजनीतिक और क्रिकेट गलियारों में यह आशंका लगाई जाने लगी कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन उन्होंने फिलहाल राजनीति में आने की बातों का खंडन करते हुए किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए. हालांकि इस बीच उनकी मुलाकात कई बार अमित शाह से हुई थी. हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह कोलकाता में सौरभ गांगुली के घर रात्रि भोज पर पहुंचे थे. बताया गया कि इस मीटिंग में अमित शाह ने एक बार फिर गांगुली से पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था.

 

 -भारत एक्सप्रेस

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