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G20 Summit: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के ऐलान से चीन पर नकेल कसने की तैयारी, मोदी-बाइडेन की जुगलबंदी पड़ेगी ड्रैगन पर भारी!

दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. 9 सितंबर को शुरू हुए इस सम्मेलन का आज (10 सिंतबर) दूसरा दिन है. पहले दिन कई अहम मुद्दों पर वैश्विक नेताओं के बीच चर्चा हुई. इस दौरान भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर को लॉन्च किया गया. कॉरिडोर लॉन्चिंग इवेंट में पीएम मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के अलावा अन्य नेता मौजूद रहे.

भारत और अमेरिका ने इस आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा की

भारत और अमेरिका ने इस आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा की. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देते हुए सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर जोर दिया. अब इस आर्थिक कॉरिडोर को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटी के विकल्प के तौर भी देखा जा रहा है.

भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर की स्थापना के लिए भारत, यूएसए सऊदी अरब, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने हस्ताक्षर किए. जिससे उम्मीद की जा रही है कि एशिया, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने से आर्थिक एकीककरण के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

लॉन्चिंग इवेंट में बोले पीएम मोदी-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्चिंग इवेंट के दौरान कहा कि ” हमारा मानना है कि विभिन्न देशों के बीच संपर्क से न केवल व्यापार की रफ्तार तेज होती है बल्कि देशों के बीच भरोसा भी मजबूत होता है. कनेक्टिविटी को बढ़ावा देकर हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम दर्शन से चिपके रहें. जिसमें इंटरनेशनल नियमों का पालन करना और सभी देशों की संप्रभुता और अखंड़ता का सम्मान करना शामिल है.”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ” आज हम सब एक महत्वपूर्ण और एतिसाहिक समझौते के साक्षी बने हैं. आने वाले समय में यह भारत, पूर्वी एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का एक प्रभावशाली माध्यम बनेगा. इसके साथ ही पूरी दुनिया के विकास के लिए एक स्थायी दिशा देगा.”

पीएम मोदी ने कहा, भारत ने कई देशों में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में ऊर्जा, रेलवे, जल प्रौद्योगिकी पार्क जैसे सेक्टर्स में बुनियादी ढांचा परियोजाओं को लागू किया है. इससे भारत ने डिमांड आधारित और पारदर्शी दृष्टिकोण पर जोर दिया है.

इस पहल में दो अलग-अलग गलियारे शामिल होंगे. एक पूर्वी गलियारा जो भारत को पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व से कनेक्ट करेगा. दूसरा उत्तरी गलियारा जो पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व को यूरोप से जोड़ेगा. जिसमें एक रेल लाइन भी शामिल होगी. जिसके पूरा होने पर भारत से पश्चिम एशिया और दक्षिण शिया के बीच माल सेवाओं के परिवहन को की रफ्तार को बढ़ाने के साथ ही सीमा-पार जहाज-से-रेल पारगमन नेटवर्क देगी. इस कॉरिडोर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी नेताओं ने ऐतिहासिक कदम बताया.

चीन की परियोजना Belt and Road Initiative को कैसे टक्कर देंगे ये आर्थिक गलियारे ?

  1. इफ्रास्ट्रक्चर डील से शिपिंग, समय और लागत काफी कम हो जाएगी, जिससे व्यापार सस्ता होने के साथ ही और तेज होगा.
  2. इस आर्थिक गलियारे को चीन की Belt and Road Initiative परियोजना के विकल्प के तौर देखा जा रहा है.
  3. भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर में शामिल देशों को ऊर्जा, व्यापार और डिजिटल संचार को तेजी मिलेगी.
  4. इस योजना का लक्ष्य संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल से होते हुए भारत से यूरोप तक फैले रेलवे मार्गों और पोर्ट लिंकेज को एकीकृत करना शामिल है.
  5. रेल लिंक से भारत और यूरोप के बीच होने वाले व्यापार में लगभग 40 फीसदी की तेजी आएगी.
  6. यह आर्थिक गलियारा मध्य पूर्व में तनाव और स्थिरता को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. जिससे सभी क्षेत्रों में सुरक्षा में व्यापक स्तर पर सुधार होने की संभावना है.

पीएम मोदी और जो बाइडेन के अलावा कॉरिडोर लॉन्चिंग में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भाग लिया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ” मैं अपने मित्र राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ इस कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता करके काफी खुशी महसूस कर रहा हूं. इस गलियारे के साथ एक बहुत ही महत्वपूर्ण एतिहासिक साझेदारी को भी हासिल किया है.”

बाइडेन बोले- गर्व महसूस हो रहा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि, इस कॉरिडोर की घोषणा करते हुए उन्हें गर्व महसूस हो रहा है क्योंकि उन्होंने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के लिए एक “ऐतिहासिक समझौते” को अंतिम रूप दे दिया है. उन्होंने आगे कहा कि ” इस गलियारे के मुख्य हिस्से के रूप में, हम जहाजों और रेलों में निवेश कर रहे हैं, जो भारत से यूरोप तक संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल से जुड़े हुए हैं. इसके जरिए व्यापार करना बेहद ही आसान हो जाएगा. बाइडेन ने कहा, ” मैं इसके प्रायोजकों और खासकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी प्रिंस का आभारी हूं.”

सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि वह भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर के एकीकरण के लिए तैयार हैं. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी इस समझौते की सराहना करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है.

-भारत एक्सप्रेस

Shailendra Verma

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