देश

टेंट से लेकर भव्य राम मंदिर तक, रामलला के विराजमान होने की वो कहानी जो रामभक्तों की आखों में ला देगा पानी

Ram Mandir Babri Masjid Controversy Timeline: आज यानी 22 जनवरी को भगवान राम टेंट से अपने महल में पहुंच रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी 12 बजकर 28 मिनट पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. ऐसे में करीब 495 वर्षों के बाद करोड़ों रामभक्ताें का सपना पूरा होने जा रहा है. आइये एक नजर इस विवाद की पूरी टाइमलाइन पर.

अयोध्या विवाद की शुरुआत होती है 1528 से जब बाबर ने अपने सेनापति को आदेश दिया कि अयोध्या में राममंदिर को ढहाकर वहां मस्जिद बनाई जाए. इसके बाद उसके सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में रामकोट किले को ढहाकर वहां मस्जिद का निर्माण कराया. मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा गया। इसके बाद अग्रेंज जब भारत में आ गए तब भी विवाद चलता रहा. इसके बाद अंग्रेजों ने 1859 में परिसर को दीवार बनाकर बांट दिया. बाहरी हिस्से में हिंदू पूजा करते थे और अंदर के हिस्से में मुस्लिमों को नमाज की इजाजत मिली.

1949 में बाबरी मस्जिद में प्रकट हुए रामलला

वक्त बीतने के बाद अयोध्या में तनाव बढ़ने लगा फिर 1885 में पहली बार मामला अदालत में पहुंचा. हिंदू साधु महंत रघुबर दास ने फैजाबाद कोर्ट से गुजारिश की कि उन्हें राम मंदिर की इजाजत मिले. 1949 में बाबरी मस्जिद के भीतर रामलला की मूर्ति पाई गई. दावा किया गया कि हिंदुओं ने ही इस मूर्ति को रखा है. बाद में मस्जिद को विवादित बताकर ताला लगवा दिया. साल 1984 में राम मंदिर आंदोलन बनाने के लिए ये साल बड़ा महत्वपूर्ण रहा.

भाजपा ने निकाली रथ यात्रा

विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में 1984 में गठित हुई समिति अभियान चलाने लगी. इधर 1990 में भाजपा के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी ने लोगों को राम मंदिर के बारे में जागरूक करने के लिए गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली. इस यात्रा के संयोजक वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी थे. अक्टूबर में आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया. तब तक उनके कारसेवक अयोध्या पहुंच चुके थे.

15 मार्च को विहिप ने मंदिर निर्माण शुरू किया

ऐसे में हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंचने लगे. अक्टूबर के महीने में हालात तनावपूर्ण हो गए. कारसेवकों ने मस्जिद पर चढ़ाकर झंडा फहरा दिया था. बाद में हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने गोली चलाई जिसमें कई कारसेवक मारे गए. इसके बाद गोधरा में कारसेवा कर लौट रहे श्रद्धालुओं की बोगी में आग लगा दी गई जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई. 15 मार्च 2002 को विहिप ने मंदिर निर्माण का ऐलान किया.

9 नवंबर 2019 को कोर्ट ने सुनाया फैसला

2019 में दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. 16 अक्टूबर को मामले की सुनवाई शुरू हुई. 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी हुई और अदालत ने नवंबर में फैसला सुना दिया. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी. नींव रखे जाने के लगभग 4 साल बाद मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है.

Rakesh Choudhary

राकेश चौधरी भारत एक्सप्रेस वेबसाइट में सीनियर कंटेट राइटर के पद कार्यरत हैं। पिछले 6 वर्षों से मीडिया क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मूलरूप से जोधपुर (राजस्थान) के रहने वाले हैं। दिल्ली से पत्रकारिता और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2018 में अमर उजाला डिजिटल (नोएडा) से की। इसके बाद समाचार प्लस, दैनिक जागरण, Inshorts मीडिया, News 24 और डीडी स्पोर्ट्स में भी अपनी सेवाएं दीं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया में रहने हुए पाॅलिटिकल बीट पर काम किया।

Recent Posts

Election Result Live Updates: महाराष्ट्र और झारखंड में मतगणना जारी, रुझानों में महायुति की बंपर बढ़त

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद पूरे देश की निगाहें इन दो राज्यों पर…

1 hour ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

10 hours ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

11 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

11 hours ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

13 hours ago