यूरोपीय संघ और भारत के बीच पहली यूरोपीय संघ (ईयू)-भारत ट्रैक 1.5 बैठक 8 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में होगी. दिनभर चलने वाली इस बैठक में यूरोपीय संघ और भारत यूएएस खतरों से निपटने के लिए नियामक, सामरिक और खोजी प्रतिक्रियाओं के संबंध में चर्चा करेंगे.
वाणिज्यिक यूएएस हाल के वर्षों में तकनीकी परिष्कार और उपभोक्ता उपलब्धता दोनों के संदर्भ में तेजी से विकसित हो रहा है. हिंसक चरमपंथियों ने टोही और हिंसक हमलों सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए इन सस्ते और अनुकूलनीय उपभोक्ता उपकरणों का शोषण किया है. यह राउंड टेबल यूरोपीय संघ और भारत के बीच चल रहे आतंकवाद विरोधी जुड़ाव की एक श्रृंखला का हिस्सा है, जो यूरोपीय संघ परियोजना ईएसआईडब्ल्यूए के तहत हाल की गतिविधियों पर आधारित है.
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आतंकवाद-निरोध और हिंसक उग्रवाद (सीटी-पीवीई) को रोकने के क्षेत्र में, गतिविधियों में भारतीय सुरक्षा चिकित्सकों के लिए एक सफल रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) जोखिम प्रबंधन प्रशिक्षण और ऑनलाइन उग्रवाद का मुकाबला करने पर एक्सपर्ट अपनी राय रखेंगे.
आतंकवादी खतरे तेजी से बढ़ रहे है, जो मिश्रित प्रकृति के होते जा रहे हैं. वाणिज्यिक ड्रोन का उपयोग इसका एक उदाहरण है. मानवरहित वाणिज्यिक ड्रोन अगर खाने-पीने का सामान आसानी ले जा सकता है तो फिर इसका उपयोग हथियारों या फिर विस्फोटकों को ले जाने के लिए भी किया जा सकता है. ये बातें भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फ़िन ने कही.
-भारत एक्सप्रेस
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