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सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर राज्य सरकार को दिया निर्देश, बल प्रयोग न करें; हाई पावर कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट पर जताई संतुष्टि

किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि किसानों पर किसी भी तरह का बल का प्रयोग ना करें. साथ कि कोर्ट ने वकीलों से कहा कि वे किसानों से कहे कि शांति बनाए रखें, इसे गांधीवादी तरीके से आंदोलन को चलने दे.

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच 17 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने कहा कि हाईवे की नाकाबंदी एक कारण से की गई है. कारण पूरी तरह या आंशिक रूप से सही हो सकता है. हम ऐसा कोई निर्देश जारी करने के इच्छुक नही है जिसे लागू करना मुश्किल हो. वही पंजाब सरकार की ओर से पेश एजी ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब है.

हाई पॉवर कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट

राज्य सरकार हर समय अवरुद्ध रहते है. वही सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट द्वारा गठित हाई पॉवर कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट पर संतुष्टि जाहिर की है. कोर्ट ने समिति को लेकर कहा कि उसका काम काफी धीमे हो रहा है. ऐसे में किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को गलत नही कहा जा सकता. कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को तुरंत चिकित्सीय सहायता देने को कहा है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पॉवर समिति ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है. समिति ने कहा कि आंदोलन का अगुवाई कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को कई बार बुलाया गया लेकिन वो नही आए. समिति ने 21 नवंबर से अब तक कि कार्रवाई और किसान संगठनों से हुई बातचीत से संबंधित अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है.

फाइनल रिपोर्ट नही हुई दाखिल

समिति की रिपोर्ट के मुताबिक 11 और 12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की बैठक बुलाई थी. बैठक में तय किया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को बातचीत के लिए बुलाया जाए. समिति ने नवंबर में फिर बैठक बुलाई. जिसमें 12 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल हुए.

बैठक में किसान नेताओं ने 13 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत कर समिति से अनुरोध किया कि वह इन मांगों को लागू करने की आवश्यकता से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएं. जिसपर समिति ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि उनकी बातों को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दी जाएगी. समिति ने यह भी साफ कर दिया है कि यह अंतरिम रिपोर्ट है, अभी फाइनल रिपोर्ट दाखिल नही की है. ऐसे में किसान संगठन चाहे तो अपनी बात कमेटी के सामने रख सकते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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