India-Bangladesh Tension: अगस्त 2024 से ही भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनातनी दिख रही है. भारत से बांग्लादेश किसी न किसी मुद्दे पर उलझते रहता है. सवाल तो ये भी उठ रहे हैं कि क्या बांग्लादेश ये खुद कर रहा है या बांग्लादेश से ये करवाया जा रहा है. ये सच है कि भारत और बांग्लादेश में पहले जैसे रिश्ते अब नहीं रहे. बीते दिनों भारत और बांग्लादेश ने एक दूसरे के राजदूतों को तलब किया और फटकार भी लगाई. बांग्लादेश ने भारतीय राजदूत को तलब किया तो भारत ने बांग्लादेश के राजदूत को तलब किया.
क्या है नया सीमा विवाद
बांग्लादेश को अब सीमा सुरक्षा बल (BSF) के गतिविधियों से परेशानी है. बांग्लादेश का कहना है कि भारत की ओर से सीमा पर बाड़ लगाया जा रहा है. जबकि भारत का कहना है कि भारत अपनी सीमा में सुरक्षा को ध्यान में रखकर कुछ भी कर सकता है. हालांकि इसके लिए दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौतों को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है, जबकि बांग्लादेश समझौते का उल्लंघन का हवाला दे रहा है.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हाल में ही गृह मंत्रालय की एक बैठक हुई. उसमें कहा गया कि बांग्लादेश में अपनी सीमा पर किसी को कोई जगह नहीं देगा. बांग्लादेश का कहना है कि LoC के 150 गज के भीतर तक डिफेंस से जुड़ा कोई भी काम नहीं होना चाहिए. हालांकि बांग्लादेश की ओर से आपत्ति जताने पर बीएसएफ ने काम को रोक दिया है. इसी मामले में दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ी है. भारतीय सीमा बल के द्वारा कुछ इलाकों में कंटीले तारों की बाड़ लगाने पर बांग्लादेश आपत्ति जता रहा है. भारत और बांग्लादेश की सीमा काफी लंबी है. ज्यादातर पश्चिम बंगाल राज्य से इसकी सीमाएं लगती हैं.
दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों के दौरान घुसपैठियों के मामले सामने आ चुके हैं. देश में कई जगहों से अवैध बांग्लादेशी भारत में रहते हुए पाए जा रहे हैं. इसको ध्यान में रखकर और घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार कंटीले तार का बाड़ लगा रही है. इसके लिए बीएसएफ और बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) आमने सामने भी आ चुकी हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 4156 किलोमीटर की सीमा पर अभी तक भारत ने 3271 किलोमीटर तक बाड़ भी लगा दी है. अभी 885 किलोमीटर के आसपास क्षेत्रों में बाड़ लगाना शेष रह गया है. बांग्लादेश की ओर से सीमा पर 1975 में हुए करार का उल्लेख करते हुए दलीलें दी जा रही हैं.
बांग्लादेश की भारत से नाराजगी के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन बांग्लादेश कहीं की नाराजगी कहीं और दिखा रहा है. दरअसल बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद तत्कालीन पीएम शेख हसीना भारत चली आई थीं. भारत ने उन्हें शरण दी है.
हालांकि भारत को बांग्लादेश ने कई बार पत्र लिखा कि शेख हसीना का प्रत्यर्पण कर दे, लेकिन भारत की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया. इस बात पर बांग्लादेश नाराज है. इस का गुस्सा बॉर्डर पर हो रहे काम पर निकाल रहा है. शेख हसीना के सरकार से हटने और नई सरकार के गठन के बाद से भारत के बांग्लादेश से रिश्ते ठीक नहीं हुए. इसके बाद बांग्लादेश में हुए अल्पसंख्यकों पर हमले में भी भारत आपत्ति जता चुका है. इस पर भी बांग्लादेश की नाराजगी है.
हाल के दिनों में बांग्लादेश में जो हो रहा है, उससे ये सवाल उठ रहा है कि बांग्लादेश ये खुद कर रहा है या इससे करवाया जा रहा है. बांग्लादेश में तख्तापलट में पाकिस्तान कनेक्शन पहले ही सामने आ चुका है. कहीं न कहीं चीन का भी इसके पीछे हाथ हो सकता है. भारत के रिश्ते म्यांमार से भी कुछ खास ठीक नहीं हैं. पहले जैसे श्रीलंका से भी भारत के रिश्ते नहीं हैं. पाकिस्तान और चीन तो भारत के दुश्मन की तरह ही हैं. मॉरीशस भी कुछ समय तक भारत को आंख दिखा रहा था. बांग्लादेश को जिस देश ने बनाया अब बांग्लादेश उसी से तनातनी कर रहा है. इससे साजिश के आसार भी नजर आ रहे हैं.
MEA के आंकड़ों के अनुसार, साल दर साल हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं. 2022 में हिंसा की 47 घटनाएं हुईं, जबकि 2023 में ये बढ़कर 302 और 2024 में (8 दिसंबर, 2024 तक) बढ़कर 2200 के आंकड़े को पार कर लिया. वहीं, पाकिस्तान में 2022 में हिंदुओं पर हिंसा के 241 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2023 में ये 103 और 2024 में (अक्टूबर तक) 112 मामले दर्ज हुए.
-भारत एक्सप्रेस
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