चुनाव चिह्न को लेकर NCP (S) नेता शरद पवार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर अजित पवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है.
अर्जी में शरद पवार ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में अजित पवार को जारी किया गया चुनाव चिह्न घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए. अर्जी में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर जब तक फैसला नही कर लेता है तब तक के लिए घड़ी चिह्न के उपयोग करने से रोका जाए.
सुप्रीम कोर्ट 15 अक्टूबर को मामले में सुनवाई करेगा. साथ ही शरद पवार की ओर से दायर अर्जी को मुख्य याचिका के साथ टैग कर दिया है. अर्जी में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट अजित पवार को विधानसभा चुनाव के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन दाखिल करने के लिए कहे. पवार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि चुनाव चिह्न को लेकर मतदाताओं के मन में भ्रम की वजह से उन्हें लोकसभा चुनावों के दौरान कई वोट गवाने पड़े हैं.
याचिका में यह भी कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारियों के मन में किसी भी तरह का भ्रम न हो इसके लिए समान अवसर सुनिश्चित की जाए. पिछली सुनवाई में शरद पवार के वकील ने दावा किया था कि अजित पवार ने शरद पवार को अपना भगवान बताया है और कहा है कि वे सभी एक साथ है. वकील ने कहा था कि अजित पवार गुट के सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का पालन नही किया है. इसलिए कोर्ट अजित पवार गुट को विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए अप्लाई करने का निर्देश दे.
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है और चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अगले महीने की जा सकती है. बता दें कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का चिह्न घड़ी आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ एनसीपी (एस) ने 6 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखा है.
दरअसल शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग की थी, ताकि अजित पवार गुट को एनसीपी और उसके चुनाव चिह्न घड़ी का इस्तेमाल करने से रोका जा सके. अजित पवार और एनसीपी के आठ अन्य विधायक जुलाई 2023 में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे.
– भारत एक्सप्रेस
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