Amravati: महाराष्ट्र की सियासत में जल्द ही एक बड़ा भूचाल आ सकता है. सियासत के बाजीगर माने जाने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसका हिंट भी दिया है. उन्होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के भविष्य पर चौंकाने वाला बयान दिया है. पवार ने कहा है कि भविष्य में महाविकास अघाड़ी रहेगा या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता. उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. गौरतलब है कि इस गठबंधन में एनसीपी के साथ शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस शामिल हैं.
अमरावती में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवार से महाविकास अघाड़ी के भविष्य को लेकर सवाल पूछे गए. जिस पर उन्होंने कहा, “हम महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं और आगे भी साथ काम करना चाहते हैं. पर इच्छा से क्या, भविष्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं. आगे महाविकास अघाड़ी रहेगी या नहीं, यह चर्चा हुई नहीं.” उनके इस बयान के बाद अब अटकलें लगनी शुरू हो चुकी हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में सब कुछ ठीक नहीं है. हालांकि, उद्धव गुट की ओर से संजय राउत ने यह बयान जरूर दिया कि एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) का गठबंधन मजबूत हैं और आगे भी साथ रहने वाले हैं.
क्या बीजेपी को मिलेगा अजित पवार का साथ ?
एनसीपी प्रमुख के भतीजे अजित पवार को लेकर इन दिनों इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वह बीजेपी के साथ जा सकते हैं. गौरतलब है कि पहले भी अजित पवार पार्टी के संग बगावत करके बीजेपी के समर्थन से राजभवन में शपथ ले चुके थे. हालांकि, बाद में उन्हें संख्या के मुताबिक एनसीपी विधायकों का साथ नहीं मिला. बावजूद बगावत के बाद में उन्हें एनसीपी ने पार्टी में वापस ले लिया. अजित फिर से बगावत की मुद्रा में हैं और 2024 तक इंतजार के मूड में नहीं हैं. ऐसे में शरद पवार का यह बयान काफी मायने रखता है.
सीटों के बंटवारे पर अभी चर्चा नहीं
महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर शरद पवार का कहना था कि अभी सीटों के बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं गठबंधन को लेकर किसी तरह की अन्य समस्याओं पर भी चर्चा नहीं हुई है.
जिन्हें तोड़फोड़ की राजनीति करनी है वे करें
शरद पवार का कहना है कि राज्य में तोड़फोड़ की राजनीति से नुकसान पहुंचा हैं. जिन्हें ऐसी राजनीति करनी है, वे करें. वहीं उन्होंने कहा कि हमें जो करना है, वह हम करेंगे.
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अडानी को लेकर जेपीसी जांच पर भी बोले शरद पवार
अडानी मुद्दे पर विपक्ष द्वारा की जा रही जेपीसी जांच की मांग को शरद पवार ने प्रभावी नहीं बताया. उन्होंने कहा कि, “जेपीसी में 21 सदस्य होते हैं. इनमें से 15 सत्ताधारी तो 6 विपक्षी दल के सांसद होंगे. फैसला क्या होगा यह बताने की जरूरत नहीं है”. वहीं उनका कहना है कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की समिति ज्यादा कारगर रहेगी. हालांकि उनका यह भी कहना था कि विपक्षी दल द्वारा जेपीसी की मांग करने पर वे उनके साथ हैं.
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