बिहार सरकार में पूर्व मंत्री श्याम रजक रविवार को जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए. उन्होंने पिछले महीने 22 अगस्त को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा दे दिया था। वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे. जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. श्याम रजक पहले भी जदयू में थे. लेकिन, वह बाद में राजद में शामिल हो गए थे. हालांकि, उन्होंने कुछ समय तक राजद में रहने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
जदयू में शामिल होने के बाद श्याम रजक ने कहा, “मैंने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी के लिए काम करना शुरू कर दिया है और मुझे उम्मीद है कि 2025 में होने वाले आगामी चुनाव में फुलवारी शरीफ सीट से चुनाव लड़ूंगा.”
श्याम रजक ने राजद पर आरोप लगाया कि वह एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है. उन्होंने कहा, “मैं शतरंज का शौकीन नहीं हूं, वहां सिर्फ मोहरे चलते हैं, वहां किसी भी कार्यकर्ता की नहीं चलती है. पार्टी (जदयू) जो भी तय करेगी, उसी के तहत मैं काम करुंगा.”
बता दें कि श्याम रजक बिहार में राजद-कांग्रेस की सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. साल 2020 में पिछले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वह राजद में शामिल हुए थे. उन्हें उम्मीद थी कि वह फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन, गठबंधन में सीट बंटवारे के तहत फुलवारी शरीफ सीट भाकपा माले को दे दी गई थी.
श्याम रजक छह बार विधायक रहे हैं और फुलवारी इलाके में उनका खासा प्रभाव माना जाता है. राजद में रहते हुए उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा. वह समस्तीपुर या जमुई में से किसी एक संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें यहां से मैदान में नहीं उतारा गया. इन्हीं सब वजहों से राजद से नाराजगी के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया और जदयू का दामन थाम लिया। वह लंबे समय तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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