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आश्रय गृहों की कमी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड से मांगी रिपोर्ट

देश भर में आश्रय गृह (शेल्टर होम) की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अभी शेल्टर होम की काफी कमी है. शेल्टर होम में क्षमता से अधिक लोग रह रहे है. कोर्ट ने भूषण से पूछा कि अभी कितने शेल्टर होम है? भूषण ने कोर्ट से कहा कि वर्ष 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी आदेश पारित किया था. जिसमें सभी राज्यों से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. कोर्ट 17 दिसंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

कोर्ट ने डीयूएसआईबी से पूछे सवाल

जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले में सहायता करने को कहा है. कोर्ट ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) से हलफनामे के जरिए पूछा है कि शेल्टर होम में क्या-क्या सुविधाएं है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पांच आश्रयों ग्रहों को बंद करने के मामले में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड से रिपोर्ट तलब किया था. सुप्रीम कोर्ट ने डीयूएसआईबी को इन आश्रयों गृहों की स्थिति बताते हुए तस्वीरों के साथ एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. इन पांच आश्रयों गृहों को जर्जर हालत में होने के कारण बंद कर दिया गया है.

दिल्ली के दांडी पार्क के पास पांच आश्रय गृह बंद

डीयूएसआईबी ने दिल्ली के दांडी पार्क के पास पांच आश्रय गृहों को बंद कर दिया है, जिससे बेघर लोगों को सर्दियों में सड़कों पर रहना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 मार्च के अपने आदेश में उसकी अनुमति के बिना दिल्ली में शहरी बेघरों के लिए बने आश्रय गृहों को तोड़ने पर रोक लगा दिया था. लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद डीयूएसआईबी ने पांच शेल्टर होम पर ताला लगा दिया, जिससे लोग सड़कों पर रहने को मजबूर है.

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देश की राजधानी में करीब 200 शेल्टर होम

भूषण ने कहा था कि दिल्ली में दो लाख लोग बेघर हैं, जबकि इसकी तुलना में शेल्टर होम 20 फीसदी भी नहीं है. 2016 के सर्वे के मुताबिक 4 लाख 70 हजार बच्चे अनाथालय समेत दूसरे संस्थान में थे लेकिन WCD की मिनिस्ट्री ने 2018 में जो आंकड़े दिए हैं उसके 2 लाख 61 हजार बच्चे हैं. वहीं केंद्र सरकार ने कहा था कि एनसीपीसीआर के मुताबिक देश में कुल 9 हजार 300 शेल्टर होम है. इनमें से 32 प्रतिशत जेजे एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. इनमें रहने वाले बच्चों के साथ यौन अपराधों के मामले में 1575 पॉक्सो का केस दर्ज है. बता दें कि दिल्ली शहरी आश्रय बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ो के मुताबिक, देश की राजधानी में करीब 200 शेल्टर होम है. इसमें से सिर्फ 66 ही परमानेंट है. बाकी सभी अस्थायी है.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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