Traditional Medicine Global Summit 2023: भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के उपरांत 17-18 अगस्त को गुजरात के गांधीनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा एक अहम वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उस श्विक शिखर सम्मेलन को ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ नाम दिया गया है, जो कि इस तरह का पहला शिखर सम्मेलन होगा. WHO और आयुष मंत्रालय की संयुक्त प्रेसवार्ता में इस बारे में जानकारी दी गई.
सरकार के आधिकारिक बयान में कहा गया कि पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा पर आधारित यह अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य और जनकल्याण की दिशा सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ-साथ, पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति और साक्ष्य-आधारित व पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों और चिकित्सकों के लिए एक महत्वूपर्ण मंच साबित होगा.
‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ के बारे में बात करते हुए केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पर पहले GCTM की स्थापना और अब पहले शिखर सम्मेलन से पूरे विश्व में पारंपरिक चिकित्सा को नई पहचान मिलेगी. उन्होंने कहा, ”इस शिखर सम्मेलन के समापन पर होने वाले घोषणापत्र से पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिश्नल मेडिसिन’ (GCTM) को भविष्य में नए आयाम मिलेंगे. पिछले साल जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के शिलान्यास के बाद अब भारत में ही पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा जा रहा है. यह हमारे देश की विभिन्न पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों द्वारा की गई बहुआयामी प्रगति का प्रमाण है.”
राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि “अपनी दूरदर्शी नीतियों और डिजिटल पहल से पारंपरिक प्रथाओं को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ मिश्रित करके भारत ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने का मार्ग प्रदर्शित किया है.”
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा, जैसे कि हर्बल मिश्रण, एक्यूपंक्चर, योग, आयुर्वेदिक चिकित्सा और स्वदेशी चिकित्सा का उपयोग करती है. मनोज झालानी, निदेशक, स्वास्थ्य प्रणाली विकास विभाग, WHO दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय केंद्र ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि अब भारत में होने जा रहे ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ से भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक समग्र और स्वस्थ दुनिया बनाने की दिशा में एक रोडमैप तैयार होगा, जिससे मानव स्वास्थ्य और जनकल्याण के नए रास्ते बनेंगे.
खास बात यह है कि दुनिया के पहले ‘पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन करने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस भारत आएंगे, वह यहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल. मंडाविया और केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल की उपस्थिति में शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. बताया जा रहा है कि शिखर सम्मेलन में G20 के स्वास्थ्य मंत्रियों, WHO के क्षेत्रीय निदेशकों और WHO के छह क्षेत्रीय केंद्रों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, पारंपरिक चिकित्सा के चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल होंगे.
इस शिखर सम्मेलन में अनुसंधान, साक्ष्य, नीति, डेटा, विनियमन (रेगुलेशन), नवाचार, डिजिटल स्वास्थ्य, जैव विविधता, समानता और देशज ज्ञान पर प्रतिष्ठित वक्ता अपने वक्तव्य देंगे. इस दौरान एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें WHO तथा भारत के साझा प्रयास से समस्त विश्व की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियाँ प्रदर्शित की जाएंगी. WHO ने वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के को दिखाने के लिए इस प्रदर्शनी में “कल्पवृक्ष” के रूप में प्राकृतिक पर्यावरण के साथ पारंपरिक चिकित्सा के अंतर्संबंध को प्रदर्शित किया है, जो प्रदर्शनी का एक मुख्य आकर्षण होगा. मंत्रालय के कन्वेंशन सेंटर में योग और ध्यान सत्र भी आयोजित होंगे.
इस शिखर सम्मेलन के दौरान आयुष मंत्रालय कन्वेंशन सेंटर में योग और ध्यान सत्र आयोजित करेगा, इसके अलावा होटल स्थलों पर भी ध्यान सत्र होंगे, साथ ही महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में योग-ब्रेक का अभ्यास भी होगा.
2022 में WHO ने भारत सरकार के सहयोग से ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की थी. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी जी ने पिछले वर्ष WHO के महानिदेशक की उपस्थिति में WHO-GCTM की आधारशिला रखी. यह केंद्र भारत के आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक सहयोगी परियोजना है और दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र है.
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WHO-GCTM पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित सभी वैश्विक स्वास्थ्य मामलों पर नेतृत्व प्रदान करेगा और साथ ही पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान, प्रथाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न नीतियों को दिशा देने में सदस्य देशों को समर्थन प्रदान करेगा. इसी क्रम में पारंपरिक चिकित्सा पर WHO वैश्विक शिखर सम्मेलन के रूप में होने वाला यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
— भारत एक्सप्रेस
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