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संदेशखाली मामले की CBI जांच के खिलाफ याचिका पर अब जुलाई में होगी सुनवाई, ममता सरकार की मांग पर कोर्ट ने दी सहमति

SandeshKhali Case: संदेशखाली मामले में कोलकाता हाइकोर्ट द्वारा मामले की सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ SC में दाखिल पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर आज सुनवाई हुई. इस दौरान दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट जुलाई के दूसरे हफ्ते में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा.

हाई कोर्ट के फैसले को SC में चुनौती

ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाइकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को झटका देते हुए संदेशखाली केस में महिलाओं के साथ हुए रेप और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए तथे. हाइकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई जांच की निगरानी वो खुद करेगा. कोर्ट ने सीबीआई को इसके साथ ही एक डेडिकेटेड ईमेल आईडी जारी करने को कहा था, जिस ईमेल आईडी पर महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकें. केंद्रीय एजेंसी की ओर से जारी की गई ईमेल आईडी पर बड़ी संख्या में शिकायते भी प्राप्त हुई है, जिसके आधार पर सीबीआई ने नए सिरे से FIR भी दर्ज की है.

ईडी पर हुआ था हमला

हाइकोर्ट ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जबरन वसूली, जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सीबीआई से कराई जाएगी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच की अब अदालत निगरानी रखेगी. सीबीआई ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की जांच कर रही है.

टीएमसी के पूर्व नेता शेख शाह शाहजहां के घर राशन घोटाला मामले में छापेमारी करने पहुची ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद से विवाद शुरू हुआ. आरोप है कि शाहजहां शेख के इशारे पर ही जांच एजेंसी के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था. हाइकोर्ट ने बंगाल की टीएमसी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि संदेशखाली मामलों की जटिलता को देखते हुए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.

कोर्ट मे ममता सरकार को लगाई थी फटकार

बता दें कि संदेशखाली से जुड़ी कई याचिका हाइकोर्ट में दायर की गई है, जिसमें संदेशखाली को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच बाहरी एजेंसियों से कराए जाने की मांग की गई है. मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि भले ही एक हलफनामा सही हो, अगर एक फीसदी भी सच है तो यह बहुत शर्मनाक है.

गौरतलब है कि जनवरी 2024 में टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर छापेमारी के लिए पहुचने के दौरान उसके समर्थकों की भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए थे. उसके बाद से ये पूरा विवाद शुरू हुआ. टीएमसी नेता शेख शाहजहां संदेशखाली मामले का मुख्य आरोपी है. शाहजहां और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप है. हालांकि टीएमसी ने शाहजहां शेख की पार्टी से निलंबित कर दिया है.

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दरअसल शुक्रवार को ही संदेशखाली में शेख शाहजहां के एक करीबी नेता के घर छापेमारी के दौरान सीबीआई ने भारी मात्रा में विदेशी बंदूकें और गोला बारूद बरामद किया था. बमों को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी की बम स्कवॉड और रोबोट टीम को मौके पर बुलाना पड़ा था.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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