दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में जहां बीजेपी आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस भी अपनी जगह बनाने के लिए प्रयास कर रही है. इन चुनावों में सभी दल सोच-समझकर प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी तो सभी 70 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है तो कांग्रेस भी 47 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर बताना चाह रही है कि इस बार वो काफी गंभीर है. उधर, बीजेपी में भी टिकटों को लेकर मंथन चल रहा है, लेकिन वह टिकट घोषित करने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती. दिल्ली में कुछ खास सीटें हैं जिन पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी. आइए, एक नजर डालते हैं इन वीआईपी सीटों पर.
दिल्ली विधानसभा की सबसे हॉट सीट तो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट ही है जहां से वो 2014 लगातार जीतते आ रहे हैं. 2014 में केजरीवाल ने इस सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर धमाकेदार पारी की शुरुआत की थी. इस सीट पर इस बार कांग्रेस ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उतारकर मामला रोचक बना दिया है. माना जा रहा है कि बीजेपी भी इस सीट पर किसी दिग्गज को ही चुनाव मैदान में उतार सकती है.
दूसरी हॉट सीट पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नई सीट जंगपुरा है. सिसोदिया इसके पहले पटपड़गंज सीट से लड़ते और जीतते रहे हैं, लेकिन पिछली बार उनकी जीत का अंतर केवल 3,207 था. खतरा समझकर, मनीष सिसोदिया ने अपनी सीट बदल ली और जंगपुरा लड़ने पहुंच गए हैं. हालांकि जंगपुरा में भी कांग्रेस ने पूर्व महापौर फरहाद सूरी को उतारकर उनकी राहें मुश्किल करने की कोशिश की है. बीजेपी भी सिसोदिया के सामने कोई तगड़ा प्रत्याशी उतारकर उन्हें विधानसभा जाने से रोकने की कोशिश करेगी.
मनीष सिसोदिया भले ही जंगपुरा चले गए हों, लेकिन पटपड़गंज में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी ही. पटपड़गंज की हॉट सीट पर आम आदमी पार्टी ने कोचिंग संचालक अवध ओझा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने स्थानीय समीकरण के हिसाब से चौधरी अनिल कुमार को टिकट दिया है. बीजेपी यहां से किसी उत्तराखंडी को टिकट दे सकती है.
मुख्यमंत्री आतिशी की सीट कालकाजी भी हॉट सीट रहेगी, जहां से अभी न तो कांग्रेस ने प्रत्याशी का ऐलान किया है और न ही बीजेपी ने. दोनों ही दल आतिशी के खिलाफ तगड़े उम्मीदवार की खोज में हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रह चुकीं पूर्व विधायक अलका लांबा को आतिशी के खिलाफ उतारने जा रही है. अलका लांबा इसके पहले आम आदमी पार्टी में ही थीं लेकिन जब आम आदमी पार्टी ने राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेने की मांग उठाई थी, तो उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर फिर से कांग्रेस में वापसी कर ली थी. अलका लांबा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.
इसी तरह से बादली सीट भी हॉट सीट में शामिल है जहां से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं. देवेंद्र यादव पहले भी इस सीट से विधायक रहे चुके हैं, लेकिन 2015 में उनसे ये सीट आम आदमी पार्टी के अजेश यादव ने छीन ली. 2020 में भी ये सीट अजेश यादव के ही पास रही. अब 2025 में देवेंद्र यादव फिर से ये सीट जीतने की कोशिश करेंगे.
इन चुनावों की खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता पहले जैसी नहीं रह गई है और उसके कई नेताओं की जेलयात्रा के बाद उसकी भ्रष्टाचार विरोधी छवि को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में उसके कई दिग्गज अपनी सीटें हार भी सकते हैं. यही वजह है कि दिल्ली में हॉट सीटों की अहमियत कुछ ज्यादा हो गई है.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक-सामाजिक विश्लेषक हैं.)
-भारत एक्सप्रेस
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