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Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. मई के अंत में जमानत मिलने के बाद जून में उन्हें फिर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. अब उन्होंने वकीलों के जरिए मीटिंग की अनुमति मांगी है.

इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ईडी का आरोप है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर काम किया है.

तिहाड़ जेल अधीक्षक ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि AAP प्रमुख होने के नाते उन्हें कोई विशेष अनुमति नहीं दी जा सकती.

CBI के वकील (स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) डीपी सिंह ने कहा कि जांच एजेंसी को तय करना है कि कब गिरफ्तार करना है और कब नही. यह एजेंसी के अधिकार क्षेत्र के तहत आता है.

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रही है. अरविंद केजरीवाल को सप्ताह में 2 बार अपने वकीलों से मिलने की इजाज़त है.

आतिशी ने कहा कि फर्जी गिरफ्तारी के बाद जेल में सही सुपरविजन नहीं मिलने से कई बार रात में सोते हुए अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल खतरनाक स्तर तक 50 के नीचे पहुंचा.

हाई कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल जवाब के बाद याचिकाकर्ता के वकील को जवाबी जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है.

चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का भी जिक्र किया है, जिसमें बताया गया है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीन शॉट बरामद हुए हैं.

कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ दायर ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को 12 जुलाई के लिए प्रोडक्शन वारंट भी जारी किया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं. उनका नाम शराब नीति के कथित घोटाले में आया था, जिसके बाद उन्‍हें ईडी ने कस्‍टडी में ले लिया.