देश

Umesh Pal Murder Case: “अतीक को मिला था राजनीतिक संरक्षण, वरना 1990 में ही खत्म कर देता उसका आतंक ” पूर्व DGP ओपी सिंह का बड़ा बयान

Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड मामले में लगातार माफिया अतीक के परिवार और गुर्गों के खिलाफ की जा रही एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस की ओर से कार्रवाई के बीच पूर्व डीजीपी ओपी सिंह का चौंकाने वाला बयान सामने आया है.

पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में दावा किया है कि “अगर अतीक को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नहीं होता तो वह उसके आतंक को 1990 में ही खत्म कर देते.” इसके साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया है कि “वह माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद के गैंग को गिरफ्तार करना चाहते थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते वह ऐसा नहीं कर सके.” उन्होंने कहा कि “अगर तब अतीक गिरफ्तार हो जाता या उसका एनकाउंटर कर दिया जाता तो उसके आतंक का साम्राज्य इतना बढ़ नहीं पाता.”

1990 में अतीक के अड्डे पर मारा था छापा- ओपी सिंह

निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने दावा किया कि “जब वह 1989-90 में इलाहाबाद (प्रयागराज) के एसपी सिटी के रूप में तैनात थे. उसी दौरान उन्होंने अतीक के खिलाफ दर्ज एक मामले में पुलिस की एक टीम के साथ अतीक के अड्डे पर छापा मारा था. उस समय अतीक के हजारों समर्थकों ने पुलिस दल को घेर लिया था और पुलिसकर्मियों को गोली मारने के लिए तैयार थे.” ओपी सिंह ने ये भी दावा किया कि “माफिया अतीक के गुर्गों द्वारा पूरी पुलिस टीम को मार गिराया जा सकता था, अगर उन्होंने अतीक को चेतावनी नहीं दी होती कि अगर उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर एक भी गोली चलाई, तो अतीक और उसके समर्थक दोनों को पुलिस ढे़र कर देगी.”

ये भी पढ़ें- Umesh Pal Murder Case: जख्मी उमेश पाल गली में घुसे तो पीछे से दौड़कर आया अतीक का बेटा और झोंक दिए कई फायर, नए CCTV फुटेज ने किया बड़ा खुलासा

भाजपा नेताओं ने की थी प्रशंसा

ओपी सिंह ने ये भी दावा किया है कि “उस समय उनके काम की भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और इलाहाबाद के लोगों ने प्रशंसा की थी, लेकिन सत्ताधारी दल माफिया का समर्थन कर रहा था, जिसके कारण अतीक का उदय यूपी के सबसे खूंखार गैंगस्टर के रूप में हो गया.”

हत्याकांड मामले में अतीक के गुर्गों को ढूंढ रही है पुलिस

बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस अतीक के फरार गुर्गों को ढूंढने में जुटी है. अब तक अतीक के गिरोह के केवल 10 सदस्यों का पता लगाया गया है और अब अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ आगरा सहित यूपी के विभिन्न शहरों में दबिश दे रही है. इस बीच, यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह के दावों पर टिप्पणी करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि “मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद दोनों विधायक थे और राज्य की राजनीतिक मशीनरी पर उनकी मजबूत पकड़ थी. हालांकि, अब ये दोनों एनकाउंटर में मारे जाने के डर से खुद को जेलों के अंदर सुरक्षित मानते हैं. यहां तक की अतीक खुद तबसे यूपी आने के लिए डरा है, जबसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी से माफिया का नाम मिट्टी में मिलाने का बयान दिया है. अतीक डर की वजह से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चला गया है और याचिका दाखिल की है कि उसे यूपी न भेजा जाए.”

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

Virat Kohli vs Sunil Gavaskar: खिलाड़ी और क्रिकेट पंडित पहले भी हो चुके हैं आमने-सामने, टी20 वर्ल्ड कप 2024 में एक बार फिर से दोनों के टकराने की उम्मीद

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने आईपीएल के टीवी ब्रॉडकास्ट पार्टनर स्टार…

9 hours ago

जब हाथ में आया त्रिशूल तो बोले पीएम मोदी- ‘कैसे हो रमेश बाबू’, ये वीडियो आपने देखा क्‍या?

पीएम मोदी हाल में कानपुर पहुंचे तो वहां भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी ने उनकी आगवानी…

9 hours ago

Lok Sabha Election 2024: दिलचस्प हुआ बदायूं का रण, जीत पर लगने लगी शर्त

2024 Parliamentary Election: पांचाल देश की राजधानी बेदामऊ का नाम बदलते वक्त के साथ बदलकर…

13 hours ago

कांग्रेस ने दलितों पिछडों के अधिकार को छीनने का किया अपराध : डॉ दिनेश शर्मा

अहमदनगर,महाराष्ट्र: राज्यसभा सांसद और यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आरक्षण को लेकर…

13 hours ago