निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि वह प्रोटोकॉल के अनुसार उत्तर प्रदेश में रामपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की वीडियो फुटेज को सुरक्षित रखेगा. उसने कोर्ट को यह जानकारी रामपुर से उम्मीदवार एवं वकील महमूद प्राचा की याचिका पर दिया है. प्राचा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र का वीडियो फुटेज सुरक्षित रखे जाने को लेकर आयोग को निर्देश देने की मांग की थी.
आयोग के वकील सिद्धांत कुमार ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता से कहा कि प्रोटोकॉल के तहत किसी भी स्थिति में आयोग सभी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की चुनावी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी करने या सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने को बाध्य है. न्यायमूर्ति ने आयोग के इस बयान को रिकार्ड में शामिल किया और कहा कि याचिकाकर्ता ने और किसी भी राहत के लिए दबाव नहीं डाला है. इस दशा में वर्तमान याचिका का उपरोक्त शतरे के अनुसार निस्तारण किया जाता है.
इस महीने की शुरुआत में कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से ईवीएम की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज तथा चुनावी प्रक्रिया के वीडियो फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए अपनाए जा रहे दिशानिर्देशों पर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था. हलफनामे में आयोग ने कहा था कि ईवीएम नियमावली में निर्धारित निर्देशों और समय-समय पर पारित निर्देशों के अनुसार चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में वीडियोग्राफी या सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए गए हैं. फुटेज को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद 45 दिनों तक या सभी चरणों के लिए चुनाव याचिका पर फैसला आने तक सुरक्षित रखा जाता है. रामपुर में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस
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