हमारे समाज में बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा तो खूब चलता है लेकिन जब इसको अमल करने की बात आती है तो हमारी पद और गरिमा हमारे आड़े आने लगती है. हम यह भी कहते हैं कि पढ़ेंगी बेटियां तो बढ़ेंगी बेटियां, लेकिन वही बेटी जब किसी अफसर से कुछ सवाल पूछ ले तो फिर उसे जवाब के बदले थप्पड़ जड़कर चुप करा दिया जाता है. जी हां ठीक सुना आपने दरअसल यह पूरा मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जिला वाराणसी का है, जहां एक बिटिया ने तहसीलदार साहिबा से जमीन कब्जा मुक्त कराने के आदेश की कॉपी क्या मांग ली तहसीलदार साहिबा ने अपना आपा ही खो दिया और युवती को थप्पड़ जड़कर चुप करा दिया. ऐसे में अब लोगों के दिल सवाल यह उठ रहा है कि जब जिम्मेदार अफसरशाही ही लोगों को ऐसे थप्पड़ मारकर चुप कराएगी तो आम जनता न्याय की फरियाद किससे लगाएगी? धीरे – धीरे तहसीलदार साहिबा द्वारा युवती को थप्पड़ मारने का वीडियो काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और इसपर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं.
वायरल वीडियो की जांच करते हुए भारत एक्सप्रेस की टीम जब वाराणसी पहुंची, तो पता चला कि यह पूरा मामला वाराणसी के कपसेठी थाना क्षेत्र के भीषमपुर गांव का है, जहां पर आबादी की जमीन पर कुछ ग्रामीण मकान बनाकर वर्षों से रह रहे हैं. स्थानीय लोगों से बात करने से पता चला कि तहसीलदार प्राची केसरवानी हाईकोर्ट के आदेश पर राजातालाब, मिर्जामुराद और कपसेठी के थानों की फोर्स लेकर मंगलवार को जमीन को कब्जा मुक्त कराने पहुंची तभी स्थानीय लोगों से उनकी तीखी नोक झोंक हो गई.
भीड़ से निकलकर एक युवती ने अंग्रेजी में तहसीलदार साहिबा से बर्ताव के तरीके पर दो सवाल पूछकर आदेश की कॉपी क्या मांग लिया, तहसीलदार साहिबा पूरी तरह से आगबबूला हो गईं और युवती को थप्पड़ जड़कर बता दिया कि हम अफसर हैं. वैसे आपको बता दें की अगर ठीक से जाँच करा ली जाए तो यह भी मिल सकता है कि भारत के अधिकांशत: गॉव आबादी या फिर ग्राम समाज की ही जमीनों पर बसे हुए हैं.
युवती को थप्पड़ मारने वाली प्राची केसरवानी वर्तमान समय में वाराणसी जनपद में नायब तहसीलदार हैं.
स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर तहसीलदार साहिबा कब्जा मुक्त कराने आई थीं, तो उन्होंने युवती के प्रश्नों का उत्तर थप्पड़ मारकर क्यों दिया? जब सारी समस्याओं का समाधान सिर्फ आदेश की कॉपी दिखाने मात्र से ही हो जाता फिर तहसीलदार साहिबा ने अपने पद की मर्यादा को तार-तार करते हुए बवाल को क्यों बढ़ाया? यह सभी सवाल स्थानीय लोगों के दिल में कांटे की तरह चुभ रहे हैं. हालांकि ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से भी की है और कार्रवाई की मांग की है.
थप्पड़मार तहसीलदार की करतूत को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है-
“तमंचा और तमाचा की भरमार
जय हो-जय हो भाजपा सरकार”
वहीं पूर्व मंत्री अजय राय ने ट्वीट करके लिखा है- ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगातार महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही उत्पीड़न की घटनाएं निंदनीय है. वाराणसी के नायब तहसीलदार राजातालाब से जवाब मांगने पर बच्ची को थप्पड़ मारना दुखद है. ”
-भारत एक्सप्रेस
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